आश्रम पद्धति स्कूल में दलित छात्र की गैर इरादतन हत्या के मामले में दो सहायक अध्यापक दोषमुक्त, 20 वर्ष पहले का पूरा मामला
वाराणसी,भदैनी मिरर| 20 वर्ष पूर्व आश्रम पद्धति स्कूल में कक्षा 5 में पढ़ने वाले दलित लड़के की हुई गैर इरादतन हत्या के मामले में दो सहायक अधीक्षक व एक कर्मी को कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई। विशेष न्यायधीश (एससी/एसटी एक्ट) देवकांत शुक्ला की अदालत ने मुकदमे के विचारण के बाद आरोप सिद्ध न होने पर आश्रम के दो सहायक अधीक्षक राजाराम यादव और कंपाउंडर रामलाल कुर्मी को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, बृजपाल सिंह यादव व अजय पाल ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार गाजीपुर जनपद के महमूदपुर निवासी वादी मुकदमा पुनवासी राम ने सारनाथ थाने में तहरीर दिया था। आरोप था कि उसका बेटा श्रीकांत जो राजकीय विद्यालय सारनाथ में कक्षा 5 में पढ़ता था। उसने 1 अक्टूबर 2005 को उसे फोन से कहा कि 4 अक्टूबर को वह आकर उसे घर ले चले, क्योंकि दशहरे की छुट्टी हो रहीं हैं। इस बीच 3 अक्टूबर को संस्था के कर्मचारी ने उसे फोन से सूचना दिया कि उसके बच्चे की तबियत ठीक नहीं है और वह दीनदयाल अस्पताल में भर्ती है। इस सूचना पर जब वादी वहां पहुंचा तो वहां बच्चा भर्ती नहीं था, बल्कि उसका बेटा नग्न हालत में मरा हुआ लावारिश हालत में अस्पताल परिसर में पड़ा था। पूछताछ करने पर अस्पताल वालो ने बताया कि वह यहां पर इसी हालत में लाया गया था। जबकि वहां आश्रम का कोई कर्मचारी भी मौजूद नहीं था। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की।
विवेचना में दोनों अभियुक्तों का नाम प्रकाश में आने पर पुलिस ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।अदालत में बचाव पक्ष ने दलील दी कि राजाराम यादव सहायक अधीक्षक और रामलाल कुर्मी विद्यालय में कंपाउंडर था। जबकि विद्यालय में हुई किसी घटना में विद्यालय की प्रबंधक अंजीका मोना साहु की जिम्मेदारी होती है, लेकिन पुलिस ने उसे आरोपित नहीं बनाया गया है। घटना में कपोलकल्पित आधार पर उन्हें आरोपित बना दिया गया है। अदालत ने पत्रावली के अवलोकन के बाद दोनों आरोपितों को दोषमुक्त कर दिया।
सौजन्य: भदैनी मिरर
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