‘पंजाब बंद’ के एलान के बीच किसान नेता डल्लेवाल का आमरण अनशन जारी
Punjab Bandh: डल्लेवाल पंजाब में खनौरी बॉर्डर पर पिछले एक महीने से आमरण अनशन कर रहे है. बता दें कि डल्लेवाल की बिगड़ती तबीयत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाई थी और 31 दिसंबर तक उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के आदेश दिए थे|
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (Jagjit Singh Dallewal) के समर्थन में किसानों ने सोमवार, 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ (Punjab Bandh) का एलान किया है. इसके लिए उन्होंने दूसरे राज्यों के किसानों से भी समर्थन भी मांगा है. डल्लेवाल पंजाब में खनौरी बॉर्डर पर पिछले एक महीने से आमरण अनशन कर रहे हैं. बता दें कि डल्लेवाल की बिगड़ती तबीयत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाई थी और 31 दिसंबर तक उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के आदेश दिए थे. कोर्ट मंगलवार को इस मामले की फिर सुनवाई करेगा|
किसान संगठन इस साल 13 फरवरी से पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए है. इनमें किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के अलावा कई अन्य संगठनों के किसान शामिल हैं. किसानों ने MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य ) के लिए कानूनी गारंटी सहित कई मांगें उठाई हैं. डल्लेवाल भी इस विरोध का हिस्सा हैं.
अनशन तोड़ने से किया मना
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार, 28 दिसंबर को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सीनियर पुलिस अधिकारियों का एक डेलीगेशन खनौरी भेजा था ताकि डल्लेवाल से मुलाकात की जा सके और उन्हें अनशन तोड़ने के लिए राजी किया जा सके. लेकिन किसान नेता डल्लेवाल ने अपना अनशन तोड़ने से मना कर दिया.
इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार की खिंचाई करते हुए कहा था कि ऐसा लग रहा है कि वह डल्लेवाल की जान बचाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही है. कोर्ट ने कहा-
“यह आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला है. आप पहले समस्या पैदा करते हैं और फिर दलील देते हैं, अब समस्या है, हम कुछ नहीं कर सकते.”
एक सरकारी अधिकारी के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस को बताया है,
“अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है. डल्लेवाल अड़े हुए हैं. वे तब तक अपना अनशन नहीं तोड़ना चाहते जब तक केंद्र किसानों की मांगों पर सहमत नहीं हो जाता. जिसमें महत्वपूर्ण फसलों पर MSP के लिए कानूनी गारंटी के साथ किसानों का कर्ज माफी शामिल है.”
फिलहाल, राज्य सरकार किसान नेता डल्लेवाल को मनाने की कोशिश कर रही है.
‘बल प्रयोग किया तो बुरा होगा’
एक अधिकारी ने बताया कि सरकार को डर है कि अगर उसने बल प्रयोग किया तो बहुत बुरा होगा और किसानों को यह बात समझनी चाहिए. इसके जवाब में KMM नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसान नतीजों के लिए तैयार हैं. इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा,
डल्लेवाल साहब पहले ही कह चुके हैं कि वे नरम नहीं पड़ेंगे. अब यह केंद्र और पंजाब सरकार पर निर्भर करता है कि वे किसानों का खून अपने हाथों पर चाहते हैं या नहीं.
‘पंजाब बंद’ से पहले बड़ा झटका
इन सबके बीच किसानों द्वारा 30 दिसंबर को बुलाए गए पंजाब बंद को अब बड़ा झटका लगा है. दरअसल पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल ने इस बंद का विरोध किया है. मंडल के उपाध्यक्ष अनिल बंसल का कहना है कि इस आंदोलन से पंजाब को नुकसान हो रहा है. बंसल ने कहा,
“बार-बार पंजाब बंद लागू करना पंजाब को व्यापारिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से बर्बाद करने की साजिश है. हम पंजाब के लोग किसानों और जवानों का सम्मान करते हैं और हमेशा करते रहेंगे. हालांकि, हम किसानों के नाम पर पंजाब को बर्बाद करने वाले राजनीतिक अवसरवादियों का विरोध करते हैं और करते रहेंगे.”
इससे पहले भी इस महीने की शुरुआत में जब KMM और SKM (गैर-राजनीतिक) ने “दिल्ली चलो” का आह्वान किया था. तब हरियाणा के प्रमुख किसान संगठनों ने यह कहते हुए इससे दूरी बना ली थी कि उनसे सलाह नहीं ली गई|
सौजन्य:द ललनटॉप