गुस्साये दलितों ने फूंका अमित शाह का पुतला
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा डॉ. बीआर अंबेडकर के बारे में संसद में की गई टिप्पणी पर सोमवार को हिसार के लघु सचिवालय के सामने दलित समाज के लोग भारी संख्या में इकट्ठे हुए तथा भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने रोष स्वरूप गृहमंत्री अमित शाह के पुतला का दहन भी किया।
इससे पूर्व लघु सचिवालय हिसार के मुख्य द्वार पर मौजूद जनसमूह को संबोधित करते हुए दलित कार्यकर्ता व अधिवक्ता रजत कल्सन ने कहा िक एक तरफ प्रधानमंत्री व गृहमंत्री मंच पर यह कहते हैं कि उनके दिलों में डॉक्टर अंबेडकर के प्रति गहरा सम्मान है, दूसरी तरफ ये लोग संसद जैसी पावन जगह पर बाबा साहब का सरेआम अपमान कर रहे हैं।
कल्सन ने कहा कि भारत के संविधान से पहले देश में दलितों के लिए नारकीय माहौल था। बाबा साहब ने संविधान की रचना कर देश में लोकतंत्र स्थापित किया जिसके बाद एससी एसटी समाज की स्थिति में सुधार आया तथा वे बाबा साहब के चलते ही मुख्यधारा में शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि भारत में अनुसूचित जाति, जनजाति, महिलाओं तथा अल्पसंख्यकों के लिए डॉ. बीआर अंबेडकर भगवान से ही बढ़कर हैं तथा उन्हें और किसी भगवान की कतई भी जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री के बयान से पूरे देश के वंचित समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची है तथा वह राष्ट्रपति से मांग करते हैं कि तुरंत प्रभाव से गृहमंत्री को बर्खास्त किया जाए तथा खुद गृहमंत्री अमित शाह को भी इस मामले में सार्वजनिक रूप से मीडिया के सामने आकर माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दुख की बात यह है कि खुद गृहमंत्री व प्रधानमंत्री अपने दिए गए कि अपमानजनक बयान को न्यायोचित ठहराने का प्रयास कर रहे हैं। कल्सन ने आरोप लगाया कि लघु सचिवालय के गेट पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों को अंदर नहीं घुसने दिया। कल्सन ने कहा कि पुलिस जातिवादी मानसिकता से ग्रस्त है तथा दलित समुदाय को जानबूझकर अंदर नहीं जाने दिया गया।
सौजन्य: दैनिक ट्रिब्यून