दलित संगठनों ने अंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी को लेकर राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की
ये विरोध प्रदर्शन ब्लॉक, जिला और शहर में दलित समूहों, ओबीसी समुदायों और समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों द्वारा किया जाएगा और सभाओं का आयोजन किया जाएगा।
देश भर के दलित समूहों ने संविधान को अंगीकृत करने के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में संसद में बहस के दौरान डॉ. बी.आर. अंबेडकर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की विवादास्पद टिप्पणी को लेकर 28 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है।
दलित और आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ (NACDOR) के नेतृत्व में इस विरोध प्रदर्शन को नितिन राउत, राजेंद्र पाल गौतम और जिग्नेश मेवाणी जैसे नेताओं का समर्थन मिला है। इस कार्यक्रम के लिए लामबंदी पहले ही शुरू हो चुकी है, जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र जैसे राज्य सबसे आगे हैं।
संसद में बोलते हुए अमित शाह ने कहा, “यह फैशन हो गया है, अंबेडकर, अंबेडकर… इतना नाम अगर भगवान का लेते हैं तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता है।” दलित समूहों ने इस बयान की निंदा करते हुए इसे भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता डॉ. अंबेडकर का अपमान बताया है।
प्रदर्शनकारी गृह मंत्री से सार्वजनिक रूप से और सदन में सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग कर रहे हैं। NACDOR के अध्यक्ष अशोक भारती ने कहा, “डॉ. अंबेडकर कोई फैशन नहीं हैं; वे राष्ट्र हैं। जो कोई भी राष्ट्र का अपमान करता है, वह देशद्रोही है और देशद्रोहियों को देश चलाने का कोई अधिकार नहीं है।”
ये विरोध प्रदर्शन ब्लॉक, जिला और शहर में दलित समूहों, ओबीसी समुदायों और समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों द्वारा किया जाएगा और सभाओं का आयोजन किया जाएगा।
अशोक भारती ने कहा कि NACDOR ने विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों से संपर्क किया है और उन्होंने आगे कहा कि संविधान और उसके निर्माताओं की पवित्रता को बहाल करने की आवश्यकता है। भारती ने शाह की आलोचना करते हुए कहा, “जब छत्रपति शिवाजी की मूर्ति को क्षतिग्रस्त किया गया था, तो प्रधानमंत्री ने माफी मांगी थी। अंबेडकर का अपमान करने के लिए गृह मंत्री माफी क्यों नहीं मांग सकते? क्या उनका कद प्रधानमंत्री से बड़ा है?”
ज्ञात हो कि बाबा साहब पर टिप्पणी को लेकर देश भर के अलग अलग हिस्सों में प्रदर्शन जारी है। प्रभात खबर की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के सहरसा भाकपा माले जिला इकाई ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर पर की गयी टिप्पणी के खिलाफ गत गुरुवार को आक्रोशपूर्ण विरोध-प्रदर्शन निकालकर गृह मंत्री अमित शाह का शहर के एसपी ऑफिस के नजदीक कर्पूरी चौक पर पूतला फूंका। हाथों में लाल झंडा लिये माले कार्यकर्त्ताओं ने बिस्कोमान भवन के पास से आक्रोशपूर्व विरोध मार्च निकालकर कचहरी चौक होते कर्पूरी चौक पहुंचा। इस दौरान भाजपा, आरएसएस व गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
वहीं यूपी के अलीगढ़ में संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहब के खिलाफ टिप्पणी करने को लेकर कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को मैरिस रोड व घंटाघर पार्क पर प्रदर्शन किया। हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेसियों ने प्रशासनिक अफसरों को कार्रवाई की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर के प्रति की गई अभद्र टिप्पणी पर कांग्रेसजनों का विरोध प्रदर्शन निरंतर जारी है।
सौजन्य: सबरंग इंडिया
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