UP: चिकित्सक पर दलित युवती से छेड़खानी का आरोप, पुलिस ने नहीं की कार्रवाई, लिया कोर्ट का सहारा
UP के रॉबर्ट्सगंज में एक चिकित्सक पर दलित युवती और उसकी मां से छेड़खानी, आर्थिक शोषण और मारपीट का आरोप लगा। पुलिस ने शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं की, जिससे पीड़िता को कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। कोर्ट के आदेश पर आरोपी चिकित्सक के खिलाफ छेड़खानी, एससी/एसटी एक्ट और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया।
UP: सोनभद्र जिले के रॉबर्ट्सगंज क्षेत्र में एक प्राइवेट चिकित्सक के खिलाफ दलित युवती और उसकी मां के साथ छेड़खानी व दुर्व्यवहार के गंभीर आरोपों में केस दर्ज किया गया है। घटना घोरावल कोतवाली क्षेत्र की निवासी एक आदिवासी महिला और उसकी पुत्री से जुड़ी है, जिन्होंने अपने बीमार पति के इलाज के लिए रॉबर्ट्सगंज स्थित देवा चिकित्सालय का रुख किया था। महिला का आरोप है कि पति के इलाज के नाम पर चिकित्सक ने उनसे भारी रकम वसूली और उचित उपचार प्रदान नहीं किया।
इलाज के नाम पर आर्थिक शोषण
महिला ने अपने पति का इलाज शुरू कराने के लिए चिकित्सक डॉ. आलोक वर्मा के खाते में 5,000 रुपये ऑनलाइन और 26,000 रुपये नगद दिए। इसके अतिरिक्त बेड चार्ज और डॉक्टर की फीस के नाम पर अलग से भुगतान मांगा गया। बावजूद इसके, उनके पति की हालत बिगड़ती चली गई। महिला ने बताया कि जब उन्होंने इलाज में सुधार न होने पर छुट्टी की मांग की, तो चिकित्सक ने 5,000 रुपये और मांग लिए।
छेड़खानी और अभद्र व्यवहार के आरोप
महिला के अनुसार, 6 जून की दोपहर 12 बजे जब वह पैसे का इंतजाम करने की बात कर रही थी, तब डॉक्टर ने पहले उसे और फिर उसकी पुत्री को पकड़कर खींचा। इस दौरान गाली-गलौज के साथ छिना-झपटी की गई, जिससे युवती की साड़ी खुल गई और वह बेपर्दा हो गई। महिला ने आरोप लगाया कि डॉक्टर ने गलत ढंग से उसकी पुत्री के शरीर को छुआ। इस स्थिति से परेशान होकर महिला ने तुरंत 112 पर पुलिस को सूचना दी।
पुलिस की उदासीनता और धमकी के आरोप
महिला ने बताया कि पुलिस ने मौके पर पहुंचने के बाद डॉक्टर के प्रभाव में काम किया और उसे ही थाने जाने के लिए कहा। महिला ने थाने में तहरीर दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उल्टे पुलिस ने उससे सादा कागज पर अंगूठे का निशान लगवा लिया और उसके बच्चों से भी जबरन हस्ताक्षर कराए। पुलिस ने फर्जी मुकदमे में फंसाने और जेल भेजने की धमकी भी दी।
पति की मौत और न्याय की लड़ाई
इलाज के दौरान महिला के पति को कथित रूप से डॉक्टर द्वारा मारे गए गंभीर चोटों के चलते एक सप्ताह बाद उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया और न ही मेडिकल परीक्षण कराया। महिला ने इस संबंध में उच्चाधिकारियों को सूचना दी, लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया। अंततः महिला ने विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी) की अदालत का रुख किया।
कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज
महिला की शिकायत पर कोर्ट ने हस्तक्षेप किया और पुलिस को निर्देश दिया कि वह आरोपी चिकित्सक के खिलाफ मामला दर्ज करे। अब रॉबर्ट्सगंज कोतवाली ने डॉक्टर के खिलाफ छेड़खानी, मारपीट, एससी-एसटी एक्ट, और अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। मामले की जांच शुरू हो गई है, लेकिन महिला और उसके परिवार के लिए न्याय की यह लड़ाई अभी लंबी प्रतीत हो रही है।
आगे की कार्यवाही का इंतजार
इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। पीड़िता ने उम्मीद जताई है कि न्यायालय के हस्तक्षेप से उन्हें और उनके परिवार को न्याय मिलेगा। मामले में क्षेत्रीय स्तर पर जन आक्रोश भी देखने को मिल रहा है, जो न्याय की प्रक्रिया को तेज करने में सहायक हो सकता है।
सौजन्य: दलित टाइम्स
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