हिंदुत्ववादी संगठन की शिकायत पर प्रशासन ने मुस्लिम बस्ती के घरों पर बुलडोजर चलाया
दावा था कि यह बस्ती हिंदू श्मशान की जमीन पर बनी है। उन्होंने आरोप लगाया कि “अवैध मुस्लिम घुसपैठियों” ने कई हिंदू और सरकारी ज़मीनों पर कब्जा कर लिया है और उन पर भूमि जिहाद का आरोप लगाया।
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के रौली बौरी में मुनिराज सिंह के नेतृत्व में भारतीय बजरंग दल के विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने बुलडोजर से मुस्लिम बस्ती के घरों को ध्वस्त कर दिया।
उनका दावा था कि यह बस्ती हिंदू श्मशान की जमीन पर बनी है। उन्होंने आरोप लगाया कि “अवैध मुस्लिम घुसपैठियों” ने कई हिंदू और सरकारी ज़मीनों पर कब्जा कर लिया है और उन पर भूमि जिहाद का आरोप लगाया।
ज्ञात हो कि पिछले कुछ समय से यह देखा गया है कि मुस्लिम की संपत्ति को निशाना बनाते हुए हिंदुत्ववादी समूह प्रशासन को शिकायत करता है और प्रशासन उस पर बुलडोजर चला देती है जिससे मुस्लिम समाज के लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है।
इस कड़ी में महाराष्ट्र के नगर एवं औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (CIDCO) ने नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की भूमि पर बनी एक दरगाह को ध्वस्त कर दिया। हिंदू जनजागृति समिति (एचजेएस) के बार-बार अनुरोध की प्रतिक्रिया में, CIDCO ने अक्टूबर महीने में आश्वासन दिया था कि वह क्षेत्र में उक्त निर्माण संरचना से संबंधित मुद्दों का समाधान करेगा।
न्यूज9लाइव की रिपोर्ट के अनुसार, यह मुद्दा मार्च 2023 में उस समय उठाया गया था जब हिंदू जनजागृति समिति ने दावा किया कि दरगाह अनधिकृत है क्योंकि यह CIDCO के स्वामित्व वाली भूमि पर बनी है। एचजेएस ने आरोप लगाया कि पहले इस स्थान पर केवल पेंट किए गए पत्थर थे, लेकिन धीरे-धीरे यह एक एकड़ में एक विस्तृत संपत्ति में फैल गया। परिसर में एक गुंबद, पानी की टंकियां, फव्वारा, आउटहाउस, कंपाउंड की दीवार, गेस्टहाउस और एक पार्किंग क्षेत्र शामिल थे।
उधर मध्यप्रदेश के मऊगंज से भाजपा विधायक प्रदीप पटेल ने सुप्रीमकोर्ट के बुलडोजर न्याय या विध्वंस के निर्देशों की अवहेलना करते हुए 19 नवंबर, 2024 को कानून अपने हाथ में ले लिया।
पटेल ने खटकरी गांव में एक भूखंड से लोगों को बेदखल करने का प्रयास किया, जहां 7 आदिवासी और 13 हिंदू सहित 43 परिवार पीढ़ियों से रह रहे हैं।
हेट डिटेक्टर की रिपोर्ट के अनुसार, पटेल और दक्षिणपंथी समूहों ने आरोप लगाया कि ग्रामीणों, विशेष रूप से मुसलमानों ने महादेव मंदिर से जुड़ी भूमि पर अतिक्रमण किया है और उन्हें बेदखल करने की मांग की है।
वहीं मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में ही प्रशासन ने एक मंदिर परिसर के पास मुस्लिम बहुल बस्ती में स्थित संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया, जब भाजपा विधायक प्रदीप पटेल ने उन पर अवैध अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए स्वयं उन्हें ध्वस्त करने का प्रयास किया। हिंदुत्व वाच ने इसे प्रकाशित किया।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एक मंदिर के पास एक चारदीवारी को गिराने के लिए भाजपा विधायक प्रदीप पटेल के बुलडोजर लेकर पहुंचने के दो दिन बाद पथराव की घटना हुई जिसके बाद उन्हें एहतियातन हिरासत में ले लिया गया। पुलिस ने गुरुवार को इलाके की घेराबंदी की और इलाके में गश्त की।
पटेल ने कहा कि जैसे ही उन्हें रिहा किया जाएगा, वे उस ढांचे को गिरा देंगे जो स्थानीय मंदिर की भूमि पर कथित अतिक्रमण का हिस्सा है।
19 नवंबर को पटेल और उनके समर्थक बुलडोजर लेकर पहुंचे और लोगों को बेदखल करने और देवरा गांव में महादेवन मंदिर की भूमि से अतिक्रमण हटाने की धमकी दी, जिससे इलाके में तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई। पुलिस ने बताया कि जैसे ही जेसीबी बाउंड्रीवाल की ओर बढ़ी, वहां पर रहने वाले लोगों ने पथराव शुरू कर दिया, जिससे करीब चार-पांच लोग घायल हो गए।
साथ ही गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में 28 सितंबर की सुबह एक पांच सदी पुरानी मस्जिद, दरगाह और कब्रिस्तान को ढहा दिया गया।
अखबार सियासत के अनुसार, गुजरात प्रशासन द्वारा यह कार्रवाई प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर के पास ‘अवैध निर्माणों’ को हटाने के एक हिस्से के रूप में की गई है, जिसका उद्देश्य महत्वाकांक्षी सोमनाथ विकास परियोजना के लिए रास्ता साफ करना है।
ज्ञात हो कि बुलडोजर एक्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें अदालत से पूर्व अनुमति प्राप्त किए बिना देशभर में सभी तोड़फोड़ कार्रवाइयों पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, यह आदेश सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों, रेलवे लाइनों और जल निकायों पर अतिक्रमण के लिए लागू नहीं होता।
सौजन्य: सबरंग इंडिया
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