दलित उत्पीड़न में दोनों दोषियों को दो-दो वर्ष का कारावास
अम्बेडकरनगर में दलित उत्पीड़न के मामले में विशेष न्यायाधीश ने दोषियों को दो-दो वर्ष की सजा और अर्थदंड लगाया। यह मामला 11 सितम्बर 2011 का है, जब दलित चन्दा देवी के साथ मारपीट की गई थी। अदालत ने गवाहों…
अम्बेडकरनगर, संवाददाता। दलित उत्पीड़न के मामले में दोनों दोषियों को सत्र परीक्षण के दौरान विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट ने दो-दो वर्ष के कारावास एवं प्रत्येक को छह हजार दो सौ रुपए अर्थदंड से दंडित किया। मामला दशक भर पूर्व हंसवर थाना क्षेत्र का है। हरदासपुर निवासनी दलित चन्दा देवी पत्नी रत्तीलाल के साथ 11 सितम्बर 2011 को उस समय मारपीट किया गया था जिस समय वह मकान का निर्माण करा रहीं थी।
गांव के ही अखंड प्रताप सिंह उर्फ डब्लू पुत्र नरेन्द्र सिंह, सुरेश सिंह पुत्र राजबहादुर सिंह, उदय बहादुर सिंह उर्फ दाढ़ी एवं राज बहादुर सिंह पुत्रगण बच्चा सिंह एक राय होकर घटना स्थल पर गए और मारपीट किया। बचाव करने पहुंचे जितेन्द्र के पहुंचने पर उसे भी मारापीटा गया। सत्र परीक्षण के दौरान विशेष लोक अभियोजक सुपीप मिश्र ने वादिनी मुकदमा समेत आधा दर्जन गवाहों को परीक्षित कराते हुए कठोर दंड के लिए दलीलें दी जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपने मुवक्किल के समर्थन में तर्क दिए।
गवाहों के बयान एवं अपराध की गम्भीरता के दृष्टिगत दलित उत्पीड़न में दोषी अखंड प्रताप सिंह उर्फ डब्लू तथा उदय बहादुर सिंह को दो-दो वर्ष के कारावास और प्रत्येक को दो-दो हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया। अन्य धाराओं में भी दोनों दोषियों को अलग-अलग दंड के साथ प्रत्येक पर न्यायाधीश ने चार हजार दो सौ रुपए जुर्माना लगाया। जेल में बिताई गई अवधि को दंडादेश में समायोजित करते हुए सभी सजाएं साथ-साथ चलाए जाने का भी आदेश दिया। दौरान मुकदमा सुरेश कुमार सिंह एवं राज बहादुर सिंह की मौत हो गई थी।
सौजन्य: लाइव हिंदुस्तान
नोट: यह समाचार मूल रूप से livehindustan.com पर प्रकाशित हुआ है और इसका उपयोग पूरी तरह से गैर-लाभकारी/गैर-वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है, खासकर मानवाधिकारों के लिए