घर में न LPG, ना कोई मदद, नगर निगम में पूछ नहीं; गरीबी में सब्जी बेचने लगीं दलित डिप्टी मेयर
गया नगर निगम की उप महापौर चिंता देवी सड़क पर दुकान लगाकर सब्जी बेचती नजर आईं। जिसके बाद हर कोई हैरान रह गया। पूछने पर उन्होंने बताया कि नगर निगम के अधिकारी उन्हें कोई तवज्जों नहीं दे रहे। जिससे वो आहत हैं, और ये फैसला लिया है।
गया नगर निगम कार्यालय के पास ऐसी तस्वीर सामने आई, जिसे देख हर कोई चौंक गए। नगर निगम की उप महापौर चिंता देवी सड़क पर दुकान लगाकर सब्जी बेचती नजर आईं। सोमवार को यह तस्वीर चर्चा का विषय बना रहा। पूछने पर उन्होंने बताया कि नगर निगम के अधिकारी उन्हें कोई तवज्जों नहीं दे रहे। कार्यालय में उनकी उपस्थिति को नजरअंदाज कर दिया जाता है। उपेक्षा से आहत होकर सब्जी बेचने का फैसला किया। आर्थिक स्थिति भी बहुत खराब है। इस कारण सब्जी बेचना पड़ रहा है। डिप्टी मेयर सिर्फ नाम से है किसी भी योजना की हमें जानकारी नहीं दी जाती है। उन्होंने कहा कि सब्जी बेचने पर तीन-चार सौ रुपया कमा लेती हैं। पैसे के अभाव में चाय पीने के लिए भी तरस रही थी।
घर में गैस चूल्हा तक नहीं, जलावन पर बनाती है खाना
डिप्टी मेयर ने कहा की बेटी की शादी के लिए तीन लाख रुपए कर्ज ली थी, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण आज तक वह नहीं चुका पाई है। डिप्टी मेयर बनने के बाद भी वह जलावन पर ही खाना बनाती हैं। उसके घर में गैस चूल्हा तक नहीं है। डिप्टी मेयर सिर्फ नाम के हैं। किसी तरह का कोई आर्थिक मदद नहीं मिलता है। सच बोलते हैं इसलिए सबको कड़वा लगता है।
अनुसूचित जाति के कारण मेरे साथ शुरू से हो रही राजनीति
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के कारण शुरू से ही हमारे साथ राजनीति हो रही है। हम भेद खोल देते हैं, विरोध करते हैं, इसलिए हम खराब हैं। हम कहते हैं की जनता का काम करो। लोगों को लगता है कि हमें कुछ पता ही नहीं है कि लोग क्या कर रहे हैं। लोग क्या बैठक करते हैं किसी प्रकार के हमें जानकारी नहीं दिया जाता है। सिर्फ डिप्टी मेयर नाम के रहने से कुछ नहीं होता है। हमें जानकारी भी मिलनी चाहिए।
सौजन्य: लाइव हिंदुस्तान
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