जान से खेलने वाली स्कीम न बन जाए आयुष्मान योजना, डरा रही है ख्याति हॉस्पिटल की घटना
अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में आयुष्मान भारत के दो लाभार्थियों की मौत ने हड़कंप मचा दिया है। परिजनों का आरोप है कि ख्याति मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने योजना के रुपये लेने के लिए अंधेरे में रखकर एंजियोप्लास्टी करते हुए स्टेंट डाले। इसके बाद मौत हुई। केंद्र सरकार की सफल आयुष्मान भारत योजना से पैसा ऐंठने के आरोपों के बाद यह पूरा मामला सुर्खियों में आ गया है। पीड़ित परिवरों के साथ गांव के सरपंच ने जो आरोप लगाए हैं वे उन आरोपों को पुख्ता कर रहे हैं कि मेडिकल माफिया की सरकारी योजनाओं में घुसपैठ है। इसमें गरीब मरीजों के हक के पैसे से कमीशन एजेंट अपनी जेब में भर रहे हैं। दूसरी ओर गरीबों को सही इलाज भी नहीं मिल पा रहा है। ताजा मामले में अहमदाबाद के ख्याति अस्पताल ने 19 लोगों की एंजियोग्राफी की थी, इसके बाद सात लोगों की एंजियोप्लास्टी करते हुए उने स्टेंड डाले गए थे। इसमें दो की मौत हो हुई है। परिजनों का आरोप है कि उन्हें हृदय रोग की बीमारी नहीं थी। अस्पताल प्रशासन ने एंजियोप्लास्टी करने के दौरान परिजनों को अंधेरे में रखा।
अस्पताल छोड़कर भागे डॉक्टर
महाराष्ट्र और झारखंड के साथ देश के विभिन्न राज्यों में चल रहे चुनावों और उपचुनावों के बीच हुई इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पहला सवाल यह है कि अस्पताल प्रशासन की कोई चूक नहीं थी तो डॉक्टरों के साथ तमाम जिम्मेदार क्यों अस्पताल छोड़कर भाग गए। राज्य सरकार ने दो लोगों की मौत और पांच अन्य की तबियत बिगड़ने की मामले की जांच के आदेश दिए हैं लेकिन पीड़ित परिवार न्याय मांग रहे हैं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ड्रीम योजनाओं में शामिल आयुष्मान भारत योजना का कार्ड लेकर मेहसाणा के कड़ी तहसील में पड़ने वाले बोरिसाना गांव के लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इसके बाद लोगों में नाराजगी और आक्रोश है। यह पूरा मामला गुजरात के पूर्व डिप्टी सीएम नितिन पटेल के कड़ी तहसील से जुड़ा है। पटेल ने भी पीड़ितों से मिलने के बाद अपनी चिंता व्यक्त की है।
विपक्ष को मिला घेरने का मौका
आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के तहत जरूरतमंद लोगों को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराया जाता है। अहमदाबाद के ख्याति अस्पताल के संचालकों पर आरोप है कि उन्होंने इस योजना के तहत मिलने वाली राशि के लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के सात लाभार्थियों की एंजियोप्लास्टी की। इसमें दो की मौत हो गई। राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं लेकिन सवाल खड़ा हो रहा है कि मेडिकल माफिया के काले गठजोड़ से कहीं आयुष्मान योजना जान से खेलने वाली स्कीम न बन जाएं। कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथों लिया है। गुजरात कांग्रेस के नेता और विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा है कि ईमानदार अफसरों से ही इस मामले की जांच करवाई जाए ताकि इस अस्पताल में ऐसे जीतने भी कांड हुए हो उसका पर्दाफाश हो। आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रमुख इसुदान गढ़वी ने भी हमला बोलते हुए पूरे मामले को बड़ा कांड करार देते हुए जांच की मांग की है।
स्टेंट लगने के बाद हुई मौत
ख्याति हॉस्पिटल की घटना में सामने आया है कि नागरभाई सेनमा (59) और महेश बारोट (45) की ख्याति मल्टीस्पेशियल्टी अस्पताल में सोमवार को एंजियोप्लास्टी हुई थी। इसी के साथ स्टेंट लगाने की प्रक्रिया हुई थी। इसके तुरंत बाद मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि दोनों व्यक्ति स्वस्थ थे और अस्पताल प्रबंधन ने पीएमजेएवाई योजना के तहत चिकित्सा बिल बढ़ाने के लिए जल्दबाजी में उनकी एंजियोप्लास्टी कर दी। गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि घटना के मद्देनजर निजी अस्पतालों के लिए स्वास्थ्य जांच शिविरों के आयोजन को लेकर जल्द एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की जाएगी। तो वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार स्वास्थ्य सेवा का निजीकरण कर रही है। कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. मनीष दोशी ने कहा कि सरकार की अपनी सेवाओं को अच्छा करने में कोई रुचि नहीं है।
अस्पताल के ऊपर गंभीर आरोप
इस मामले 19 मरीजों के रिश्तेदारों ने सोमवार रात अस्पताल के बाहर बनाए गए एक वीडियो में आरोप लगाया है कि अस्पताल ने जल्दबाजी में ऑपरेशन किया और सिर्फ आयुष्मान भारत योजना के तहत अनुचित लाभ लेने के लिए सभी को अंधेरे में रखा। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या गरीब ऐसे ही आंसू ऐसे ही बहते रहेंगे। या फिर प्रशासन मेडिकल माफिया और डॉक्टर्स के नेटवर्क तोड़ने की लिए कदम उठाएगा। जो भी अहमदाबाद के मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में हुई घटना ने समूची योजना को लेकर संदेह पैदा कर दिए हैं। इसकी गहराई से जांच जरूरी है।
सौजन्य :नवभारत टाइम्स
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