चुनाव के दौरान समस्याओं का हल जल्द निकल जाता है, दलित समाज को मिली श्मशान भूमि
दलित महिला के पुरातन श्मशान भूमि में अंतिम संस्कार करने पर विरोध जताया गया था दलित समाज को मिली श्मशान भूमि जिले में हाल ही में उस समय माहौल तपने लगा जब गेवराई तहसील के सिंदखेड़ गांव में एक दलित महिला के पुरातन श्मशानभूमि में अंतिम संस्कार करने पर विरोध जताया गया।
मातंग समुदाय ग्राम पंचायत के सामने आंदोलन पर उतरा, तो सरपंच व प्रशासन ने गांव परिसर की एक सरकारी जमीन पर अंतिम संस्कार करा दिया। चूंकि, चुनाव का माहौल था और स्थानीय विधायक लक्ष्मण पवार भाजपा से थे, इसलिए मामले को जल्द निपटाने पर ध्यान दिया गया। मातंग समाज का रोष कहीं राज्य के अन्य हिस्सों में भी नहीं फैल जाए, इसके लिए आनन-फानन में एक सरकारी जमीन का टुकड़ा भी स्थायी रूप से दलित समाज को सौंप दिया गया। यह भी पढ़े -चोरी की बाइक बेचने के लिए आया था ससुराल, पुलिस ने जालबिछाकर दबोचा अब आगे से दलित समाज के सभी अंतिम संस्कार उसी श्मशान भूमि में किए जाएंगे। हालांकि, अलग-अलग समुदाय की अलहदा श्मशान भूमि कर दिए जाने से भेदभाव तो कायम है, फिर भी दलित समुदाय ने ताे राहत की सांस ली ही है। नागरिकों का कहना है कि चुनावी माहौल में समस्याएं सुलझाने के बजाय पहले से ही हल निकाले जाएं तो हर गांव, कर कस्बा स्वर्ग बन जाएगा।
सौजन्य :दैनिक भास्कर
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