कासगंज: दलित व्यक्ति की आत्महत्या के मामले में पीड़ित परिवार ने पुलिस पर खड़े किये सवाल
कासगंज, उत्तर प्रदेश । पुलिस उत्पीड़न से आहत होकर दलित द्वारा की गई आत्म हत्या के मामले में अब पुलिस विवादों के घेरे में घिरती नजर आ रही है। पीडित परिवार ने पुलिस पर एफआईआर दर्ज न करने का आरोप लगाते हुए परिजनों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। साथ ही भूख हड़ताल की भी चेतावनी दी है।
सोरों कोतवाली क्षेत्र के गांव सलेमपुर बीबी में रामलीला मंचन के दौरान कुर्सी पर बैठे दलित को पुलिस कर्मियों ने बेरहमी से पीटा और बेइज्जत किया। आरोप रहा कि रामलीला कमेटी के इशारे पर पुलिस वालों ने यह मारपीट की थी। इधर सोमवार की सुबह दलित रमेश कुमार ने फांसी लगाकर घर में ही जान दे दी। जिससे पूरा परिवार टूट गया। आत्म हत्या के शिकार हुए रमेश की पत्नी ने न्याय की मांग उठाई। एसपी अपर्णा रजत कौशिक ने मामले में जांच के लिए एएसपी राजेश भारती को नामित किया। अभी जांच किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है। इस बीच पुलिस आरोपों के घेरे में है। पुलिस का दावा है कि गृह क्लेश के चलते दलित ने आत्म हत्या की है, जबकि परिजनों का आरोप है आरक्षी विक्रम और उसके साथी ने रमेश की मारपीट की। जिससे आहत होकर उन्होंने अपनी जान गंवा दी। एसपी अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि पोस्टमार्टम करा लिया गया है। रिपोर्ट में हैंगिग आई है। पुलिस कर्मियों पर लगाए जा रहे आरोप गलत हैं। एएसपी द्वारा मामले की जांच कराई जा रही है।
एसपी से मिला पीडित परिवार
पीडित परिवार को जब कहीं से न्याय मिलता नहीं दिखाई दे रहा है तो मृतका की पत्नी रामरती देवी ने एसपी से भेंट की, हालांकि अभी एफआईआर के कोई आदेश नहीं हुए हैं। पुलिस पर आरोप है कि दोनों आरोपी आरक्षियों का नाम दबाव बनाकर हटवाना चाहती है।
सौजन्य:अमृतविचार
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