बिहार में महादलित की पीट-पीट कर हत्या, अपराधियों का मनोबल चरम पर
पटना। भाकपा- माले राज्य सचिव कुणाल ने गया जिले के बाराचट्टी के डेमा टोला पथरा में शनिवार सुबह लगभग साढ़े 6 बजे महादलित राजकुमार मांझी की पीट-पीट कर की गई घटना की कड़ी निंदा की है। कहा कि भाजपा-जदयू शासन में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। अपराधियों का मनोबल सर चढ़कर बोल रहा है। उसी समाज से जीतनराम मांझी भारत सरकार में मंत्री हैं लेकिन मांझी समुदाय पर हमले की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कुछ दिन पहले टिकारी में मांझी जाति के ही एक व्यक्ति का सामंतों ने तलवार से हाथ काट डाला था।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार राजकुमार मांझी डेमा टोला पथरा में आज सुबह महादलित समुदाय के कुछ लोग सामुदायिक वर्क शेड में बैठकर आपस में बात कर रहे थे। उसी समय गांव के ही एक जाति विशेष के कुछ लोग वहां पहुंच गए और महादलित महिलाओं को अपमानित करने लगे। इसका विरोध करने पर बकझक होने लगी और बहस तेज हो गई। दबंगों ने 50 वर्षीय राजकुमार मांझी पर लाठी से हमला कर दिया और पीट-पीट कर उनकी निर्मम हत्या कर दी।
सूचना मिलने पर पहुंचे स्थानीय चैकीदार ने मृतक परिजनों को हत्यारों से कुछ रुपया दिलवाने और लाश को गांव में ही दफन करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया, लेकिन जनता ने नहीं माना और मोहनपुर थाना को इसकी सूचना दी गई। पुलिस काफी देर से पहुंची और बिना बयान लिए लाश को उठाकर ले जाने लगी जिसका जनता ने विरोध किया और तत्काल अपराधियों को गिरफ्तार करने तथा मुआवजा की मांग की।
हत्या की खबर सुनकर घटना स्थल पर भाकपा-माले जिला कमिटी सदस्य सह मोहनपुर सचिव का। पुलेन्द्र कुमार, जिला कमिटी सदस्य रवि कुमार, मोहनपुर-बाराचट्टी प्रखंडस्तरीय नेता रामविलास दास, रामबली यादव, भुवनाथ मांझी, वजीर मांझी, धर्मशीला देवी और टुन्ना मांझी पहुंच गए तथा दोषियों दोषियों की अविलंब गिरफ्तारी, मृतक आश्रितों को 20 लाख रुपया मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग करने लगे। काफी दबाव के बाद पारिवारिक लाभ योजना के तहत तत्काल 20 हजार रुपया और कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत 3000 रुपया प्रदान किया गया।
माले जिला सचिव निरंजन कुमार ने कहा कि गया समेत पूरे बिहार में हत्या, लूट, बलात्कार समेत अपराध की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है और अपराधी बेलगाम हैं। माले नेताओं ने दोषियों को अविलंब गिरफ्तार करने की मांग की है।
मसौढ़ी अनुमंडलाधिकारी की भूमिका संदिग्ध, जांच कराई जाए, डीएम से मिले विधायक
भाकपा-माले विधायक गोपाल रविदास आज पुनपुन प्रखंड जट डुमरी में बजरंग दल समर्थित असामाजिक तत्वों द्वारा उत्पात मचाने, मजार व मस्जिद को क्षतिग्रस्त करने और बाजार में दहशत फैलाने के मामले में पटन जिलाधिकारी से मुलाकात की। माले विधायक ने इलाके में तत्काल शांति बहाल करने की मांग करते हुए इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की भी मांग की। उन्होंने कहा कि यह घटना मसौढ़ी अनुमंडाधिकारी की उपस्थिति में हुआ है, इसलिए उनकी भूमिका की भी जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जट-डुमरी गांव से पूरब और जट डुमरी जंक्शन से पश्चिम-उत्तर खेत में बजरंग बली, शिव मंदिर तथा सात बहिनिया मंदिर स्थित है। सात बहिनिया मंदिर में फिलहाल तीन कमरे बने हुए हैं जिन्हें 13 सितंबर 2024 की रात्रि में असामाजिक तत्वों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया गया। सूचना प्राप्त होने पर आज 14 सितंबर को 10.30 बजे सुबह मसौढ़ी अनुमंडलाधिकारी अपने दल-बल के साथ घटनास्थल पर निरीक्षण करने पहुंचे थे। साथ में पुुनपुन पुलिस भी मौजूद थी।
उनकी मौजूदगी में ही 8-10 मोटरसाइकल सवार बजरंग दल से जुड़े असामाजिक तत्वों ने जय बजरंग बली का नारा लगाते हुए लगभग 11 बजे जट डुमरी मुख्य बाजार में दहशत फैलाने के उद्देश्य से दुकानदारों का सामान इधर-उधर फेंक दिया। दुकानदारों को धमकाने लगे कि सभी दुकानें बंद कर दो अन्यथा आग लगा दी जाएगी। उसके बाद उनलोगों ने बगल के मजार पर रोड़ेबाजी शुरू कर दी, सीमेंटेट मजार को क्षतिग्रस्त कर दिया तथा उसमें लगे झंडे को नोच लिया। फिर मस्जिद की तरफ हमले के उद्देश्य से बढ़े लेकिन पुलिस को आगे देख भाग खड़े हुए।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि सभी बलवाई गांव के ही हैं और बजरंग दल से जुड़े हैं जबकि कुछ अन्य लोगों का मानना है कि वे मोटरसाइकल पर सवार होकर बाहर से आए थे। फिलहाल स्थिति शांत है। प्रशासन के लोग घटनास्थल पर मौजूद हैं।
माले विधायक ने कहा कि बलवाइयों को चिन्हित कर कानूनी कार्रवाई करने में मसौढ़ी अनुमंडलाधिकारी की गतिविधि संदिग्ध लग रही है। उनकी मौजदूगी में ही बलवाइयों द्वारा मजार पर नारा लगाते हुए तोड़-फोड़ की घटना को अंजाम दिया गया। अतः इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाए।
सौजन्य:जनचौक
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