सुप्रीम कोर्ट की 5 बजे वाली डेडलाइन खत्म, अब तक काम पर नहीं लौटे आरजी कर हॉस्पिटल के डॉक्टर, कर दी ये डिमांड
Kolkata Doctors Protest: लालबाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करने के एक सप्ताह बाद सैकड़ों जूनियर डॉक्टरों ने मंगलवार को स्वास्थ्य भवन की ओर मार्च किया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आंदोलनकारी डॉक्टरों को राज्य सरकार की प्रतिकूल कार्रवाई से बचने के लिए मंगलवार शाम पांच बजे तक ड्यूटी पर लौटने के लिए कहा था। हालांकि अभी तक डॉक्टर काम पर नहीं लौटे हैं।
कोलकाता: कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस के विरोध में सैकड़ों जूनियर डॉक्टरों ने मंगलवार को पुलिस मुख्यालय से स्वास्थ्य भवन की ओर मार्च किया। इस दौरान आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों ने मंगलवार शाम 5 बजे तक काम पर लौटने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नहीं माना। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवज्ञा करते हुए डॉक्टरों ने कहा कि वे अपनी मांगें पूरी होने और आरजी कर अस्पताल घटना की पीड़िता को न्याय मिलने तक ड्यूटी पर नहीं जाएंगे। दरअसल शीर्ष अदालत ने एक दिन पहले प्रदर्शनकारी रेजिडेंट डॉक्टरों को मंगलवार शाम पांच बजे तक काम पर लौटने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश देते हुए कहा था कि ऐसा करने पर उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी। कोर्ट ने यह निर्देश पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से यह आश्वासन दिए जाने के बाद दिया कि काम पर लौटने पर प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ दंडात्मक तबादलों सहित कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
डॉक्टरों ने की ये डिमांड
आंदोलनकारी डॉक्टरों में से एक ने कहा कि हमारी मांगें पूरी नहीं होने के कारण हम काम बंद रखेंगे। हमने राज्य सरकार को कोलकाता पुलिस आयुक्त, स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक और चिकित्सा शिक्षा निदेशक को शाम पांच बजे तक पद से हटाने को कहा था। हम चर्चा के लिए तैयार हैं। ऐसा न करने पर उन्होंने कहा कि वे स्वास्थ्य भवन के सामने धरना देंगे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आंदोलनकारी डॉक्टरों को राज्य सरकार की प्रतिकूल कार्रवाई से बचने के लिए मंगलवार शाम पांच बजे तक ड्यूटी पर लौटने के लिए कहा था। हालांकि अभी तक डॉक्टर काम पर नहीं लौटे हैं।
कब ड्यूटी पर लौटेंगे डॉक्टर?
प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा कि हम शांतिपूर्ण मार्च निकाल रहे हैं। हमने पीड़िता के लिए न्याय एवं कोलकाता पुलिस आयुक्त, राज्य स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक और स्वास्थ्य सेवा निदेशक के इस्तीफे की अपनी मांगों को स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार हमारी मांगों को पूरा करती है, तो हम ड्यूटी पर लौटने के बारे में सोचेंगे। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि राज्य सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को ‘साफ’ करे। हम सफाई कार्यक्रम शुरू करने के लिए झाड़ू लेकर जा रहे हैं। हम शाम पांच बजे तक राज्य की ओर से हमारी मांगें पूरी किए जाने का इंतजार करेंगे, ऐसा न होने पर हम धरना शुरू कर देंगे। हालांकि, हम राज्य सरकार के साथ किसी भी तरह की चर्चा के लिए तैयार हैं।
ममता ने की बातचीत की पेशकशकोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला डॉक्टर का शव मिलने के बाद नौ अगस्त की शाम से जूनियर डॉक्टरों ने प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में काम करना बंद कर दिया है, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। राज्य सरकार ने दावा किया है कि जूनियर डॉक्टरों के काम नहीं करने के कारण 23 मरीजों की जान चली गई है और कई का इलाज नहीं हो पा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आंदोलनकारी डॉक्टरों से उनकी शिकायतें दूर करने के लिए सीधी बातचीत की पेशकश की थी। ममता ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने आपसे ड्यूटी पर लौटने का अनुरोध किया है, और मैं उस अनुरोध को दोहराती हूं। अगर आपको कुछ कहना है, तो आपका हमेशा स्वागत है। आप 5 से 10 सदस्यों की एक टीम बना सकते हैं और मुझसे मिल सकते हैं।
सौजन्य:नवभारत टाइम्स
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