कौन हैं सतीश कुमार, जो बने रेलवे बोर्ड के पहले दलित CEO
रेलवे बोर्ड की CEO जया वर्मा सिन्हा 31 अगस्त को रिटायर हो रही हैं. उनके बाद इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस के ऑफिसर सतीश कुमार को रेलवे बोर्ड का अध्यक्ष और CEO नियुक्त किया गया है. सतीश कुमार पहले दलित सीईओ बने हैं. उनसे पहले इतिहास में आज तक कोई भी दलित सीईओ नहीं बना.
TV9 Bharatvarsh | Updated on: Aug 28, 2024
रेलवे बोर्ड की चेयरपर्सन जया वर्मा सिन्हा रिटायर हो रही हैं. जया वर्मा सिन्हा रेलवे बोर्ड की चेयरपर्सन बननी वाली पहली महिला हैं. उनकी जगह सतीश कुमार लेंगे. 1 सितंबर को वह अपना कार्यभार संभालेंगे. रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह जानकारी दी कि बोर्ड के इतिहास में दलित समुदाय से पहली बार कोई शख्स सीईओ बना है.
एक सरकारी आदेश में कहा गया है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति यानी ACC ने सतीश कुमार इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस के मेंबर ट्रैक्शन और रोलिंग स्टॉक रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ के पद पर नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. उन्होंने इसी साल 5 जनवरी को रेलवे बोर्ड में मेंबर ट्रैक्शन और रोलिंग स्टॉक के तौर पर अपनी सेवाएं शुरू की थीं. सतीश करीब तीन दशक से अलग-अलग पदों पर रहकर काम कर रहे हैं.
कौन हैं सतीश कुमार
सतीश कुमार को लगभग 34 साल का अनुभव है. वो साल 1986 बैच इंडियन रेलवे सर्विस सर्विस ऑफ मैकेनिकल इंजिनियर्स के ऑफिसर हैं. उन्होंने साल 1988 में इंडियन रेलवे के साथ अपने करियर की शुरुआत की और तब से कई जोन और डिवीजनों में कई अहम पदों पर काम कर चुके हैं. अपने पूरे कार्यकाल के दौरान उन्होंने रेलवे सिस्टम में नई चीजों को बढ़ावा देने, दक्षता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है.
सतीश कुमार की पढ़ाई
रिपोर्ट्स के मुताबिक बोर्ड के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि 8 नवंबर, 2022 को उन्होंने उत्तर मध्य रेलवे, प्रयागराज के जनरल मैनेजर के रूप में कार्यभार संभाला, जो उनकी पब्लिक सर्विस की यात्रा में एक और मील का पत्थर है. उन्होंने कहा, उनका एजुकेशनल बैकग्राउंड भी उनके काम की तरह ही काफी प्रभावशाली है. उन्होंने MNIT जयपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री हासिल की है और इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी से ऑपरेशन मैनेजमेंट और साइबर लॉ में डिप्लोमा किया.
सौजन्य : टीवी9 हिंदी
नोट: यह समाचार मूल रूप से tv9hindi.com में प्रकाशित हुआ है|और इसका उपयोग पूरी तरह से गैर-लाभकारी/गैर-व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए विशेष रूप से मानव अधिकार के लिए किया गया|