‘मां का सपना हुआ पूरा, बेटी ने रचा इतिहास!’ बिहार-झारखंड में पहली बार ट्रांसजेंडर सीएचओ बनीं अमीर महतो.
झारखंड-बिहार में पहली बार ट्रांसजेंडर अमीर महतो सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी बनी हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अमीर महतो को नियुक्ति पत्र सौंपते हुए जोर दिया कि स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। पिछले 4 वर्षों में विभिन्न विभागों में बड़ी संख्या में नियुक्तियां की गई हैं।
रवि सिन्हा
रांचीः झारखंड-बिहार में पहली बार ट्रांसजेंडर अमीर महतो सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) बनीं हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को पश्चिमी सिंहभूम जिले की अमीर महतो को सीएमओ के तौर पर नियुक्ति पत्र सौंपा हैं। सामुदायिक चिकित्सा पदाधिकारी के तौर पर नियुक्त पत्र हासिल करने के बाद अमीर महतो ने कहा कि उनकी मां की इच्छा नर्स बनने की थी, लेकिन घर की परिस्थितियों के कारण उन्हें सफलता नहीं मिल पाई। इसके बाद उनकी मां ने पढ़ाई-लिखाई के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया। काफी संघर्ष के बाद अब वो अपनी मां के सपने को पूरा कर पा रही हैं।
ट्रांसजेंडर होने पर ईश्वर से कोई शिकायत नहीं.
अमीर महतो ने सीएम हेमंत सोरेन से नियुक्ति पत्र लेने के बाद कहा कि उन्हें ट्रांसजेंडर होने पर कोई शर्म नहीं आती और न ही इसके लिए ईश्वर से उन्हें कोई शिकायत हैं। उन्होंने अपने समुदाय के लोगों से अपील की कि पढ़ाई-लिखाई कर सभी को आगे बढ़ने की कोशिश करनी चाहिए। बचपन से ही उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने यह सफलता हासिल की। अब वो समाज को मदद करना चाहती हैं।
4 वर्षों में विभिन्न विभागों में बड़ी संख्या में नियुक्तियां हुई.
इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा है कि सरकार ने व्यवस्था को सुदृढ़ और व्यवस्थित रूप से चलाने के लिए पिछले 4 वर्षों में विभिन्न विभागों में बड़ी संख्या में नियुक्तियां की है। नियुक्तियों का यह सिलसिला लगातार जारी है। आज राज्य सरकार 365 सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) को राज्य के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थापित कर रही है। सभी नवनियुक्त कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स आज से राज्य सरकार के अभिन्न अंग के रूप में कार्य करेंगे। नवनियुक्त सभी सी०एच०ओ० राज्य सरकार की एक ऐसी कड़ी बन रहे हैं, जहां उनके कंधों पर स्वास्थ्य क्षेत्र की बड़ी जिम्मेदारियां रहेंगी। सीएम ने गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन के सभागार में 365 सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारियों के नियुक्ति पत्र सौंपा।
तमाम चुनौतियों के बावजूद हजारों की संख्या में हुई नियुक्तियां.
हेमन्त सोरेन ने कहा कि आज लगभग 365 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स की नियुक्त हो रही है। इससे पहले हमलोगों ने पशु चिकित्सकों, चिकित्सा पदाधिकारियों की नियुक्ति की है। लैब असिस्टेंट की भी नियुक्ति की है।पहली बार फॉरेंसिक लैब के लिए साइंटिस्ट की नियुक्ति की गई है। आयुष चिकित्सकों, दंत चिकित्सकों सहित ए-ग्रेड नर्स की भी नियुक्ति की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनौती भरे वक्त में भी उनकी सरकार ने कृषि अधिकारी की नियुक्ति, हॉर्टिकल्चर में पदाधिकारी की नियुक्ति, पंचायत सचिव की नियुक्ति, लिपिक की नियुक्ति, लेखपाल की नियुक्ति, टीचर की नियुक्ति, जूनियर इंजीनियर, सहायक इंजीनियर की नियुक्ति की है। उन्होंने कहा कि हजारों नियुक्तियां हुई हैं और कई नियुक्तियां प्रक्रियाधीन हैं। बिहार-झारखंड में पहली बार ट्रांसजेंडर बनीं सीएचओ अमीर महतो, बोलीं- ‘मां’ नर्स बनना चाहती थीं, अब सपना पूरा हुआ
स्वास्थ्य व्यवस्था में नवनियुक्त सी०एच०ओ० की भूमिका अहम.
सीएम हेमन्त सोरेन ने सीएचओ को संबोधित करते हुए कहा कि सभी कोमालूम है कि झारखंड प्रदेश की भौगोलिक संरचना, यहां की सामाजिक व्यवस्था और यहां के लोगों की मानसिकताएं कैसी हैं। बस आपको यह समझना पड़ेगा कि स्वास्थ्य सेवा को लोगों तक सरलता पूर्वक किस प्रकार से पहुंचाया जा सके। जंगल, पहाड़, नदी-नाला से घिरा हुआ इस सुंदर राज्य में ऐसे-ऐसे गांव हैं, जहां के लोगों ने आज तक शहर नहीं देखा है और न ही सरकार की व्यवस्था से उन्हें बहुत ज्यादा लेना-देना है। बहुत सारे लोग आज के दिन भी झाड़-फूंक और जड़ी बूटियों के अधूरे ज्ञान के आधार पर परंपरागत तरीके से स्वास्थ्य उपचार कराने में लगे रहते हैं। इसी वजह से कभी-कभी ऐसी घटनाएं सुनने को मिलती हैं, जो चिंतनीय है।इसलिए आप सभी को राज्य के लोगों के स्वास्थ्य के प्रति एक विश्वास के साथ जुड़ना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी नवनियुक्त सी०एच०ओ० लगभग डॉक्टर और नर्स की दोहरी भूमिका में भी हैं। कुल मिलाकर कहा जाए आप सभी स्वास्थ्य विभाग के ऑलराउंडर प्लेयर की भूमिका में रहेंगे।
तकनीकी युग के बाद भी बेहतर मानवबल एवं व्यवस्था जरूरी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक याकसा पास मैनपावर नहीं होगा तब तक बेहतर कार्य नहीं हो सकता है। आज तकनीक का युग है। अब धीरे-धीरे सभी चीजों में रोबोटिक सिस्टम जगह बना रहा है। उद्योगों का पूर्ण रूप से मशीनीकरण हो चुका है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी मशीनों की उपयोगिता बढ़ी है, लेकिन उसके बाद भी अच्छे चिकित्सक, अच्छी स्वास्थ्य सुविधा के लिए लोग अलग-अलग राज्यों में जाते हैं। वहीं झारखंड में अच्छे डॉक्टर होने से अन्य राज्यों से भी मरीज यहां आते हैं। आपकी भूमिका भी ऐसी होनी चाहिए कि लोग आपकी ओर खिंचे चले आएं।
स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बन रही बेहतर कार्य योजना.
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को लेकर वो लगातार प्रयासरत रहते हैं। राज्य सरकार ने जिस तरह से स्वास्थ्य के क्षेत्र के लिए कार्ययोजना बनाई है, उससे बहुत जल्द इस राज्य में सुदृढ़ स्वास्थ्य व्यवस्था प्रदान करेंगे, ताकि यहां से किसी को इलाज के लिए अन्य राज्यों में जाने की जरूरत नहीं पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी स्वस्थ तभी रहेंगे जब स्वास्थ्य विभाग खुद स्वस्थ रहेगा। इसके लिए सालाना बजट 5 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, ताकि स्वास्थ्य केंद्रों की साफ सफाई और रख-रखाव बेहतर तरीके से की जा सके।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, विभागीय प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह सहित अन्य वरीय पदाधिकारीगण और नवनियुक्त सी०एच०ओ० उपस्थित थे।
सौजन्य : नवभारतटाइम्स
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