सरकार संविधान की मंशा के हिसाब से सेक्युलरिज्म का करे पालन : मायावती
बसपा मुखिया मायावती ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि पीएम द्वारा कल 15 अगस्त को लाल किले से बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर द्वारा सभी धर्मों का एक-समान सम्मान के धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत की संवैधानिक व्यवस्था को ’कम्युनल’ कहना क्या उचित है? सरकार संविधान की मंशा के हिसाब से सेक्युलरिज्म का पालन करे, यही सच्ची देश भक्ति व राजधर्म है।
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं बल्कि पीएम द्वारा देश की अपार गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व पिछड़ेपन आदि की ज्वलंत राष्ट्रीय समस्याओं पर इससे प्रभावित करीब सवा सौ करोड़ लोगों में उम्मीद की कोई नई किरण नहीं जगा पाना भी कितना सही है? लोगों के ’अच्छे दिन’ कब आयेंगे?
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त के अपने भाषण में यूनिवर्सल सिविल कोड यानी कि समान सिविल संहिता पर कहा अभी तक देश में जो कानून है वो कम्युनल सिविल कोड है, इसलिए देश को सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत है। पीएम मोदी ने कहा कि जो कानून धर्म के नाम पर बांटते हैं, उन्हें दूर किया जाना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा हमारे देश का संविधान जोर देता है कि देश में समान सिविल संहिता की व्यवस्था होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट भी कहता रहा है कि देश में समान सिविल संहिता लागू किया जाए।
सौजन्य :खास खबर
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