Kannauj News: भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने को लेकर खूनी संघर्ष, आठ दलित घायल
पीड़ितों का आरोप है कि एक विशेष जाति के सैकड़ों लोगों ने मौके पर आकर धमकाते हुये मूर्ति लगाने का विरोध किया। इतना ही नहीं दलित समुदाय के लोगों को दौड़ा दौड़ा कर गांव में पीटा गया।
कन्नौज जिले में भीम राव अंबेडकर की मूर्ति लगाने को लेकर खूनी संघर्ष हो गया। एक जाति विशेष के लोगों पर आरोप लगाते हुये घायल पीड़ितों ने बताया कि, हमलावर लाठी डंडों से लैस थे। उन लोगों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा गया। इतना ही नहीं गांव से बाहर चले जाने का भी लगातार दबाब बनाया जा रहा है। मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को उपचार के लिये मेडिकल कॉलेज तिर्वा में भर्ती करवाया है।
तिर्वा कोतवाली के इंदरगढ़ मार्ग पर बसे उपरोक्त गांव भूलभुलियापुर में दलित, वर्मा सहित कुछ अन्य गिने चुने जातियों के लोग भी रहते हैं। बीती रात यहां दलित समुदाय के लोग अंबेडकर की मूर्ति लगाने की तैयारी कर रहे थे। दलित समुदाय के परिवारों ने मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान बताया कि जब वह लोग मूर्ति लगाने की तैयारियों में लगे थे, तभी गांव में एक विशेष जाति के सैकड़ों लोगों ने मौके पर आकर धमकाते हुये मूर्ति लगाने का विरोध किया। इतना ही नहीं दलित समुदाय के लोगों को दौड़ा दौड़ा कर गांव में पीटा गया।
घायलों का अस्पताल में चल रहा इलाज
घायलों के मुताबिक उपरोक्त हमलावर लगातार धमकियां दे रहे थे कि हम लोग गांव छोड़कर कहीं और चले जायें। गांव में करीब दो दर्जन के दलित लोग बसे हुये हैं, यह जानकारी देते हुये घायलों ने बताया कि संघर्ष और गांव में विवाद की सूचना जब पुलिस को दी गई तो कोतवाली पुलिस कुछ समय बाद मौके पर पहुंची। जिसके बाद घायलों को उपचार के लिये मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। एक घायल महिला को हायर हॉस्पिटल भी रेफर किया गया है।
पीड़ितों का आरोप था, कि स्थानीय सत्ता पक्ष के विधायक का संरक्षण होने के कारण गांव में रह रहे विशेष जाति के हमलावर लगातार हम लोगों को प्रताड़ित कर रहे हैं। अपनी फोटो भी असलहों के साथ वायरल कर लगातार धमकियां दी जा रही हैं। पुलिस भी इन हमलावरों पर कार्यवाही नहीं कर रही है। घटना को लेकर तिर्वा कोतवाली पुलिस का कहना है, कि घटनाक्रम के पूरे मामले की जांच की जा रही है। जिसके बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
सौजन्य:न्यूज़ ट्रैक
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