चमोली जिले में दलित उत्पीड़न के खिलाफ विभिन्न संगठनों ने सरकार का पुतला जलाया
उत्तराखंड के चमोली जिले में दलित उत्पीड़न के खिलाफ विभन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने देहरादून में डीएल चौक पर प्रदर्शन करते हुए बीजेपी सरकार का पुतला दहन किया। प्रदर्शन में सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), भीम आर्मी, भारत एकता मिशन देहरादून, अखिल भारतीय अम्बेडकर युवक संघ से जुड़े कार्यकर्ता शामिल हुए।
चमोली जिले में जोशीमठ के गांव सुभाई चाचड़ी में दलित युवक के ढोल न बजाने से नाराज गांव के दबंगो ने 5000 रु का अर्थदण्ड का फैसला सुनाया था। साथ ही सभी दलित परिवारो का पानी बंद कर कर दिया। इसके खिलाफ ये प्रदर्शन किया गया। साथ ही दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग की है। पुतला दहन शुक्रवार की देर शाम को किया गया।
इस मौके पर सीटू के प्रांतीय सचिव लेखराज ने कहा कि जनपद चमोली के थाना गोपेश्वर के अंतर्गत विकासखंड जोशीमठ के अंतर्गत सुभाई चाचड़ी में यह प्रकरण सामने आया है। क्षेत्र में बैसाखी का मेला का आयोजन किया जाना था। इसमें गांव के अनुसूचित जाति के एक युवक पुष्कर लाल को ढोल बजाने की जिम्मेदारी दी गई थी। उसे पूरी रात ढोल बजाना था, लेकिन स्वास्थ्य खराब होने के कारण वह ढोल दो ही घंटे बजा पाया।
उन्होंने ने बताया कि सवर्ण मानसिकता के दबंगो और मनुवादी विचारधारा के लोगों ने एक पंचायत कर ढोल वादक को पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। इस जुर्माने को भरने के बावजूद भी पुष्कर लाल और उसके परिवार सहित सभी अनुसूचित जाति परिवार का बहिष्कार कर दिया गया। साथ ही उनकी पानी की सुविधाएं बंद कर दी गई। ये एक घोर अपराध है। मनुवादी विचारधारा रखने वाले लोगों के खिलाफ अभी तक कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई।
अन्य वक्ताओं ने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के वारंट जारी होने के बावजूद उनकी गिरफ्तारी नहीं की गई। पुलिस और सरकार उन्हें बचाने में लगे हुए हैं। यह बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार के खिलाफ और उन मनुवादी विचारधारा रखने वाले लोगों के खिलाफ आंदोलन को तेज किया जाएगा।
इस अवसर पर सीटू के प्रांतीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी, एसएफआई के प्रांतीय अध्यक्ष नितिन मलेठा, महामंत्री हिमांशु, भीम आर्मी के प्रदेश उपाध्यक्ष उमेश कुमार, अम्बेडकर युवक संघ के अध्यक्ष बंटी कुमार सूर्यवंशी, महामन्त्री अशोक कुमार, कपिल कुमार ने भी विचार व्यक्त किए|
सौजन्य:लोकसाक्ष
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