हुड्डा दें दलितों पर अत्याचार का हिसाब : कृष्ण बेदी
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। कांग्रेस की ओर से शुरू किए हरियाणा मांगे हिसाब अभियान पर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा प्रवक्ता व पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी ने कहा कि पिछले दस दिनों से हरियाणा में कांग्रेस में एकमात्र रह गए नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा व उनके परिवार द्वारा भाजपा से दस साल के कार्यकाल का हिसाब मांगा जा रहा है। भाजपा पूर्व सीएम हुड्डा से पूछना चाहती है कि उन्होंने अपने दस साल के कार्यकाल में संविधान व संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर का सम्मान क्यों नहीं किया। हुड्डा जवाब दें कि उनके कार्यकाल में गोहाना में हुई दलित अत्याचार की घटना पर पीड़ितों को न्याय क्यों नहीं मिला। दलितों को कोई सुरक्षा नहीं दी गई। पीड़ितों को राष्ट्रपति तक गुहार लगानी पड़ी।
हुड्डा बताएं कि उनके कार्यकाल में 21 अप्रैल 2010 को हिसार के मिर्चपुर गांव में दलित बस्ती के 272 घरों को जला दिया गया। हुड्डा ने पीड़ितों के लिए क्या किया। न्याय के लिए लोगों को हिसार, चंडीगढ़ व दिल्ली तक भटकना पड़ा, मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। सुप्रीम कोर्ट तक में मामला गया। भाजपा की मनोहर सरकार ने 2018 में इन पीड़ितों को हिसार के गांव ढंढूर में विस्थापित किया। उन्हें सभी तरह की सुविधाएं प्रदान की गईं। हुड्डा जवाब दें कि हरियाणा में उनके कार्यकाल में मनमर्जी तरीके से भर्ती किए गए 15500 अतिथि अध्यापकों में आरक्षण के नियमों की पालना क्यों नहीं की गई। यदि 20 प्रतिशत के हिसाब से आरक्षण दिया जाता तो 3500 अनुसूचित जाति के बच्चों को रोजगार मिलता लेकिन हुड्डा सरकार में दलितों का शोषण किया गया।
बेदी ने कहा कि हरियाणा बनने से लेकर 2017 तक सफाई कर्मचारियों की आर्थिक व सामाजिक स्थिति का आकलन करने के लिए कोई आयोग नहीं बना था। यह पूर्व सीएम मनोहर लाल थे, जिन्होंने 6 नवंबर 2017 को सफाई कर्मचारियों की इस स्थिति के आकलन के लिए आयोग का गठन किया। पूर्व सीएम हुड्डा बताएं कि क्यों उन्होंने अनुसूचित जाति के नेता अशोक तंवर व कुमारी सैलजा को प्रदेश अध्यक्ष रहते प्रताड़ित किया।
सौजन्य: अमर उजाला
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