मध्य प्रदेश: आदिवासी युवक की हत्या पर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा, क्या है पूरा मामला
मध्य प्रदेश में सिंगरौली ज़िले के दुर्दुरा गांव में एक आदिवासी युवक की हत्या के बाद मातम पसरा हुआ है.23 साल के लाले बंसल की गोली मारकर हत्या कर दी गई और हत्या का आरोप अभिषेक पांडे नामक शख़्स पर है.बताया जा रहा है कि अभिषेक पांडे भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं और बीजेपी युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष हैं.हालांकि बीजेपी का कहना है कि उन्हें इस घटना से पहले ही पार्टी की सदस्यता और पद से हटा दिया गया था.
घटना के बाद इलाक़े में डर का माहौल बना हुआ है.
पुलिस के मुताबिक लाले बंसल चितरंगी थाना क्षेत्र के पोड़ी गांव में एक दोस्त के साथ किसी काम से भाई के ससुराल जा रहे थे.रास्ते में बाइक एक बकरे से टकरा गई और पीछे बैठा साथी गिर गया.इसी दौरान अभिषेक पांडे वहां से गुज़र रहे थे और उनकी कार में हूटर लगा हुआ था.
अभिषेक ने लाले से घायल युवक के बारे में पूछा लेकिन डर के मारे लाले बाइक के साथ भागने लगे.इस दौरान अभिषेक ने हूटर बजाते हुए गाड़ी से लाले का पीछा किया और रुकने के लिए कहा.पुलिस का कहना है कि अभिषेक ने पहले हवाई फ़ायर किया, लेकिन जब लाले नहीं रुके तो अभिषेक ने उन्हें गोली मार दी.
पुलिस ने बताया, ”गोली लगने के बाद भी लाले बाइक चलाते रहे और लगभग दो किलोमीटर चलने के बाद गिर गए और उनकी मौत हो गई.”
थोड़ी देर बाद पुलिस को सड़क किनारे लाले का शव मिला और इसके बाद पुलिस ने तीन टीमें बनाकर अभियुक्त की तलाश शुरू की.
परिवार का क्या कहना है?
लाले बंसल मज़दूरी करके अपना जीवन-यापन करते थे और उनका दो साल का एक बेटा भी है. घर में बीमार मां हैं और वो इस स्थिति में नहीं हैं कि बातचीत कर सकें. लाले के बड़े भाई बाबूलाल गांव के सरपंच हैं. बाबूलाल की पत्नी रुक्मणि का आरोप है कि लाले की हत्या सरपंच चुनाव में वोटों को लेकर हुई राजनीति की वजह से की गई है.
रुक्मणि कहती हैं, “लाले अपने बड़े भाई की तरह दिखते थे और हत्यारे उसके बड़े भाई सरपंच की हत्या करना चाहते थे, लेकिन ग़लती से लाले को सरपंच समझ कर मार दिया.”
लाले की बड़ी मां (पिता के बड़े भाई की पत्नी) का दावा है कि जब शव लाया गया तो उन पर जल्द से जल्द अंतिम संस्कार के लिए दबाव बनाया गया.
उन्होंने कहा, ”हम लोगों से कहा गया कि जल्दी अंतिम संस्कार करें वरना जेसीबी से गड्ढा खोदकर शव को दफ़न कर देंगे. अभी तक प्रशासन या सरकार का कोई भी व्यक्ति हमारी मदद के लिए नहीं आया है.”
बीबीसी ने अभियुक्त के परिवार से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन अभियुक्त के परिवार से कोई भी इस मामले पर बातचीत के लिए तैयार नहीं है. सिंगरौली पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने अभियुक्त अभिषेक पांडे के गिरफ़्तार होने की बात कही है.
एसपी निवेदिता गुप्ता ने बताया, ”पुलिस ने आरटीओ की वेबसाइट से गाड़ी का नंबर निकाला और अभियुक्त को ट्रेस किया. इसके बाद छह से सात घंटे के भीतर अभियुक्त को गिरफ़्तार कर लिया गया. अभी तक जो वजह सामने आई है, वह यह है कि अभियुक्त को लगा था कि घायल व्यक्ति को शायद लाले बंसल ने मारा है. इसलिए अभियुक्त लाले बंसल का पीछा कर रहा था.” पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अभियुक्त ने यह पिस्टल 20 जून को ही ख़रीदी थी और पूछताछ में उसने अपना गुनाह कुबूल कर लिया है. अभिषेक को स्थानीय लोग रसूखदार व्यक्ति बताते हैं और स्थानीय मंत्री के क़रीबी होने की बात कहते हैं.
बीबीसी
घटना में नाम आने के बाद बीजेपी ने बताया कि पार्टी ने उन्हें पहले ही बाहर कर दिया था.
भारतीय जनता युवा मोर्चा के सिंगरौली ज़िले के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह परिहार ने बताया कि अभिषेक पांडे, मोहरिया के मोर्चा मंडल अध्यक्ष थे और उन्हें 2 मई को ही पार्टी से निकाल दिया था. उन्होंने बताया, “यह कार्रवाई, पार्टी के ख़िलाफ़ काम करने की वजह से की गई थी.”
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने बीजेपी सरकार को इस मामले में घेरने की कोशिश की है. उन्होंने मारे गये युवक के परिवार के लिये आर्थिक और कानूनी सहायता देने की मांग की है.
कमलनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है, “दलित युवक की गोली मारकर हत्या करने का मामला हैरान करता है. बताया जा रहा है कि भाजपा मंडल अध्यक्ष को पिस्तौल का लाइसेंस भी राज्य मंत्री राधा सिंह की सिफ़ारिश के बाद जारी किया गया था.”
उन्होंने आगे लिखा कि ”अभियुक्त भाजपा नेता, लाइसेंसी पिस्तौल का इस्तेमाल स्थानीय लोगों को डराने धमकाने के लिये करता था.”
कमलनाथ ने कहा, “मध्य प्रदेश में दलितों पर अत्याचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है. भाजपा सरकार दलितों की सुरक्षा करने में नाकाम रही है. बीजेपी के नेता दलितों पर अत्याचार करते पाए जा रहे हैं.” कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का कहना है कि राज्य की बीजेपी सरकार अभियुक्त को बचा रही है. उन्होंने कहा, ”सिंगरौली में एक दलित व्यक्ति की भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष ने हत्या कर दी और अब उसको बचाया जा रहा है. यह संदेश क्या है? बीजेपी की सरकार आरक्षण, संविधान से और बाबा साहब के विचारों से नफ़रत करती है. यही कारण है कि दलित भाइयों पर सबसे ज़्यादा अत्याचार इस सरकार में होते हैं.”
बीते साल सीधी जिले में भाजपा के एक नेता का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह एक आदिवासी युवक पर पेशाब करते नज़र आ रहे थे. तब उस वीडियो ने सत्तारूढ़ भाजपा के लिये मुश्किल खड़ी कर दी थी. वीडियो में देखा जा सकता था कि सीधी ज़िले के भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला शराब के नशे में एक आदिवासी युवक पर पेशाब कर रहे थे. देखते ही देखते ये वीडियो देशभर में वायरल हो गया था.
प्रवेश शुक्ला को तत्कालीन विधायक केदारनाथ शुक्ला का क़रीबी बताया गया था. हालांकि केदारनाथ शुक्ला ने इस दावे को ख़ारिज कर दिया था. घटना के बाद प्रशासन ने अभियुक्त के घर पर बुलडोज़र चलाने की कारवाई भी की थी और अवैध अतिक्रमण वाले हिस्से को गिरा दिया था. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के पिछले साल जारी आँकड़े बताते हैं कि मध्य प्रदेश में आदिवासी और दलितों के ख़िलाफ़ अत्याचार के मामलों में बढ़ोतरी हुई है.
साल 2021 में प्रदेश में एससी/एसटी एक्ट के तहत 2,627 मामले दर्ज हुए थे. यह साल 2020 की तुलना में क़रीब 9.38 फ़ीसदी अधिक हैं. वही दलितों पर अत्याचार के 7,214 मामले दर्ज किए गए थे.
सौजन्य: बीबीसी हिंदी
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