रास्ते को लेकर हुए विवाद में दलित महिला की पिटाई, पति के मुंह पर पेशाब करने का लगाया आरोप
पीड़ित संजीत मांझी ने बताया कि 10 जुलाई को अर्जुन मांझी की पोती की शादी थी. गांव वालों ने विचार किया और रास्ते के गड्ढे को छाई मिट्टी गिराकर भर दिया. 11 जुलाई को जब हम यहां से गुजर रहे थे, तो वहां पहले से विकास मिश्र, उमाशंकर मिश्र और तीन अज्ञात लोग मौजूद थे. मुझे देखते ही जातिसूचक गाली देने लगे|
बिहार के मुजफ्फरपुर में रास्ते को लेकर हुए विवाद में दलित महिला से दुर्व्यवहार करने की घटना सामने आई है. महिला ने पीटने का और पति को चाकू से घायल कर चेहरे पर पेशाब करने का आरोप लगाया गया है. पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में गवाहों से बातचीत के बाद ऐसा मामला सामने नहीं आया है. आगे की जांच जारी है|
मामला मनियारी थाना क्षेत्र के महादलित टोले का है. यहां के रहने वाले संजीत मांझी के पड़ोसी की बेटी की शादी थी. बाराती को आने में कोई कठिनाई न हो इसके लिए पानी जमे सड़क पर सभी लोगों ने आपसी सहयोग से मिट्टी डालकर उसे चलने लायक बनाया था. इसको लेकर गांव के ही विकास मिश्र अपने पिता उमा शंकर मिश्र और कुछ युवकों के साथ पहुंचे और ब्रह्मस्थान पर उसके साथ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए मारपीट कर चाकू से सिर पर हमला कर दिया||
पीड़ित संजीत मांझी ने बताया कि ब्रह्मस्थान से मांझी टोला जाने का रास्ता कई वर्षों से है. यहां मांझी टोला भी 200 वर्ष पुराना है. मांझी टोला जाने का रास्ता काफी खराब है और रास्ते में गड्ढे हैं. 10 जुलाई को अर्जुन मांझी की पोती की शादी थी. गांव वालों ने विचार किया और रास्ते के गड्ढे को छाई मिट्टी गिराकर भर दिया. 11 जुलाई को जब हम यहां से गुजर रहे थे, तो वहां पहले से विकास मिश्र, उमाशंकर मिश्र और तीन अज्ञात लोग मौजूद थे|
पत्नी को भी दी गंदी-गंदी गालियां
मुझे देखते ही जातिसूचक गाली देने लगे. कहने लगे कि तुम्हारी इतनी हिम्मत कि तुमने मेरे जमीन में मिट्टी भर दिया. फिर चाकू से वार किया. इससे हम जख्मी होकर गिर पड़े. इसके बाद उन लोगों ने मेरे मुंह पर पेशाब कर दिया. शोर सुनकर मेरी पत्नी आई तो उसे भी गंदी-गंदी गालियां दी. फिर गांव वाले जुटने लगे तो वे भाग गए |
मामले में थानाध्यक्ष ने कही ये बात
मनियारी थानाध्यक्ष देवव्रत कुमार ने बताया कि मनियारी थाना अंतर्गत सिलौत गांव निवासी द्वारा मिश्रा जाति के लोगों पर आरोप लगाते हुए आवेदन दिया था. जांच करने हमलोग स्थानीय स्तर पर पहुंचे, तो पता चला कि दोनों पक्षों के बीच जमीन को लेकर वर्षों से विवाद चल रहा था. बीते 10 तारीख को शादी समारोह का आयोजन किया गया था. इस दौरान रास्ते को लेकर फिर से विवाद हुआ. आवेदन में जितने आरोप लगाए गए हैं, शुरुआती जांच में गवाहों से बातचीत के बाद ऐसा मामला सामने नही आया है. आगे की जांच जारी है|
गरीब को सताएगा कानून उसे सलाखों के पीछे भेजेगी
वहीं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के मंत्री जनक राम ने कहा कि कानून अपनी कार्रवाई कर रही है. इस राज्य में कोई भी व्यक्ति अनुसूचित और जनजाति पर उत्पीड़न कर बच नहीं सकता है. जो भी गरीब को सताएगा कानून उसे सलाखों के पीछे भेजेगी|
सौजन्य:आजतक
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