बंगाल के कंगारू कोर्ट में महिलाओं की पिटाई का सच:महिलाओं को निर्वस्त्र किया, लाठी-डंडों से पीटा, TMC बोली- हमने कार्रवाई की
एक महिला और उसका साथी सड़क पर बैठे हैं, लोग उन्हें चारों तरफ से घेरे हुए हैं। तभी एक तंदरुस्त सा दिखने वाला आदमी हाथ में तीन-चार लकड़ी की छड़ी लिए आता है। आते ही महिला को इन छड़ियों से जोर-जोर से पीटने लगता है। महिला दर्द से कराह उठती है, सड़क पर ही लेटकर तड़पने लगती है। ये शख्स महिला के साथी की तरफ बढ़ता है और उसे भी पीटने लगता है।
कुछ लोग एक महिला के घर के बाहर इकट्ठा हैं। इनमें से दो लोग घर में घुसे और महिला को घसीट कर सड़क पर ले आए। फिर इन लोगों ने मारपीट के दौरान महिला के कपड़े भी फाड़ दिए। इनका मन इतने से भी नहीं भरा तो उसे इसी हालत में पानी में डुबोकर मारने की कोशिश की गई। महिला बेहोश हो गई।
इन दोनों वीडियो में कुछ लोग इकट्ठा होकर किसी महिला को पीट रहे हैं, लेकिन एक और बात इन दोनों घटनाओं में एक जैसी है। ये दोनों वीडियो पश्चिम बंगाल में कथित तौर पर चल रहे TMC के कंगारू कोर्ट के हैं। पीटने वाले लोग भी TMC के लोकल लीडर बताए जा रहे हैं। पहली महिला को प्रेमी के साथ चले जाने की सजा दी गई, जबकि दूसरी महिला को TMC में न शामिल होने की सजा दी जा रही थी।
हालांकि, ये महज एक-दो किस्से नहीं है। एक महीने में ऐसे कई वीडियो सामने आ चुके हैं। आरोप है कि यहां TMC के लीडर या उनके करीबी अदालत चला रहे और फैसले सुना रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में ये कंगारु कोर्ट क्या है, ये कैसे काम करती है? ये कब से चल रही है और इसे कौन चलाता है? दैनिक भास्कर ने इस तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए विक्टिम की फैमिलीज, पुलिस, पॉलिटिकल लीडर्स और एक्सपर्ट्स से बात की।
ये वीडियो नॉर्थ 24 परगना के कमरहटी जिले का है। मार्च 2021 का ये वीडियो 8 जुलाई, 2024 को वायरल हुआ है, जिसके बाद आरोपी पर कार्रवाई की गई।
सबसे पहले बात कथित कंगारू कोर्ट के फैसलों की
TMC के लोकल लीडर ने लगाई अदालत, फिर मां-बेटे को घर के सामने पीटा
1 जुलाई, नॉर्थ 24 परगनानॉर्थ 24 परगना के कमरहटी जिले के अरिदाहा का एक 3 साल पुराना वीडियो 8 जुलाई को सामने आया। चार लोगों ने मिलकर एक युवक के हाथ-पैर पकड़ रखे हैं। वहीं, दो लोग उसे डंडों से मारते नजर आ रहे हैं। इस दौरान युवक चीखता है, लेकिन आरोपी मारना बंद नहीं करते। TMC के लोकल लीडर जयंत सिंह और उसके सहयोगियों पर पिटाई का आरोप है।
वीडियो की पड़़ताल करने पर पता चला कि इसकी पिटाई कथित कंगारू कोर्ट के फैसले के तहत की गई। इसके बाद पीड़ित परिवार से मिलने हम अरिदाहा पहुंचे। परिवार से मुलाकात तो नहीं हो सकी।
यहां आकर पता चला कि आरोपी जयंत सिंह का इलाके में काफी दबदबा है। 1 जुलाई को उसने अपने साथियों के साथ मिलकार यहां रहने वाले सायंतन पाजा और उसकी मां को बेरहमी से पीटा था। ये पिटाई भी सजा के तौर पर की गई थी।
इसके बाद हम सायंतन पाजा के घर पहुंचे। घर के बाहर उसकी मां के लिए न्याय की मांग के पोस्टर लगे मिले। पोस्टर पर लिखा है, ‘महिलाओं पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ सब लोग साथ आओ।’ सायंतन की मां बेड पर लेटी हुई थीं। उनके सिर, हाथ और पैर पर पट्टियां बंधी थीं। वो बात करने की स्थिति में नहीं थीं।
सायंतन के घर बाहर उसकी मां की फोटो के साथ न्याय की मांग को लेकर पोस्टर लगे मिले। पोस्टर पर लिखा है, ‘महिलाओं पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ सब लोग साथ आओ।’
सायंतन के घर बाहर उसकी मां की फोटो के साथ न्याय की मांग को लेकर पोस्टर लगे मिले। पोस्टर पर लिखा है, ‘महिलाओं पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ सब लोग साथ आओ।’
यहां हमारी मुलाकात सायंतन के पिता से हुई। जयंत और उसके सहयोगियों के खौफ के चलते उन्होंने कैमरा पर बात करने से मना कर दिया। सायंतन के पिता कहते हैं, ‘हमने ऐसा कुछ नहीं किया, जिसके लिए मेरे परिवार पर जानलेवा हमला किया जाए। मेरे बेटे सायंतन का अपने दोस्त प्रीतम काहा के साथ झगड़ा हो गया था। इसके बाद दोनों के बीच हल्की हाथापाई हुई।’
इसके बाद प्रीतम अपनी फरियाद लेकर जयंत सिंह के पास पहुंच गया। जयंत ने फैसला कराने के लिए कंगारू कोर्ट लगाई, लेकिन सायंतन उसमें नहीं गया। कोर्ट में उसकी पिटाई करने का फैसला किया गया और जयंत अपने लोगों के साथ उसे मारने घर पहुंच आया। सायंतन जैसे ही घर से बाहर निकला, लड़कों ने उसे पीटना शुरू कर दिया।
सायंतन की मां उसे बचाने के लिए बाहर निकली तो लड़कों ने बोला, ‘तुम्हारे बेटे को सबक सिखाने का फैसला हुआ है। तुम दूर रहो।’ वो जैसे ही आगे बढ़ी, लड़कों ने उसे भी खींचकर मारना शुरू कर दिया। उसका मुंह तोड़ दिया। सायंतन को भी बुरी तरह पीटा गया। डॉक्टर ने उसे तीन महीने का बेड रेस्ट बताया है।’
सायंतन के पिता आगे बताते हैं, ‘जयंत तो जेल में है, लेकिन रोज उसके साथी घर आकर हमें धमकाते हैं। उसकी हरकतों से पूरा मोहल्ला परेशान है। कोई उसके खिलाफ डर से कुछ नहीं बोल सकता है।’ घटना के बाद इलाके के लोगों ने मिलकर जयंत के खिलाफ बेलघरिया पुलिस स्टेशन में FIR भी दर्ज कराई। घटना के दो दिन बाद पुलिस ने जयंत को गिरफ्तार कर लिया था।
TMC विधायक का करीबी है जयंत
जयंत सिंह, कमरहटी से TMC विधायक मदन मित्रा का करीबी बताया जाता है। शुरुआत में वसूली और लोगों को इसके लिए धमकाने का काम किया करता था। राजनीति से जुड़ने के बाद अरिदाहा में उसने अपना दबदबा बना लिया।
जयंत सिंह के लिए कहा जाता है कि वो TMC के हाथों तैयार किया गया गुंडा है। वो अपने सहयोगियों के साथ मिलकर लोगों को मारता-पीटता और धमकाता है। जयंत कई बार जेल जा चुका है, लेकिन हर बार कुछ हफ्तों में बाहर आ जाता है।
जयंत सिंह, कमरहटी से TMC विधायक मदन मित्रा का करीबी बताया जाता है। नॉर्थ 24 परगना के कमरहटी से पिटाई का वीडियो सामने आने के बाद उसे अरेस्ट किया गया।
जयंत सिंह, कमरहटी से TMC विधायक मदन मित्रा का करीबी बताया जाता है। नॉर्थ 24 परगना के कमरहटी से पिटाई का वीडियो सामने आने के बाद उसे अरेस्ट किया गया।
पहले 10 हजार का जुर्माना लगाया, फिर सड़क पर महिला को सरेआम पीटा
28 जून, नॉर्थ दिनाजपुर नॉर्थ दिनाजपुर के चोपड़ा इलाके का एक वीडियो सामने आया, जिसमें दो लोग एक लड़की और उसके साथी को सड़क पर छड़ी से पीटते नजर आ रहे हैं। लड़की को बार-बार पीटा गया। वो दर्द से चिल्लाती रही, लेकिन उसे पीटना नहीं छोड़ा। लड़की के बाल खींचकर कई बार उसे लातें भी मारी गईं। इसके बाद वो उसके साथी को पीटने लगे।
इस दौरान भीड़ तमाशा देखती रही। कोई भी उन्हें बचाने के लिए आगे नहीं आया। लड़की पहले से शादीशुदा है, लेकिन वो अपने प्रेमी के साथ चली गई थी। तलाक लेकर वो प्रेमी के साथ रहना चाहती थी, इसलिए गांव लौटी थी।
आरोप है कि TMC विधायक हमीदुर रहमान के करीबी ताजीमुल ने इसे लेकर कंगारू कोर्ट लगाई। यहां दोनों पर पहले 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। रकम न देने पर दोनों को जमकर पीटा गया। हालांकि, पुलिस ने महिला से मारपीट करने वाले ताजीमुल हक उर्फ JCB को गिरफ्तार कर लिया है।
ये वीडियो नॉर्थ दिनाजपुर के चोपड़ा इलाके का है। लड़की के प्रेमी के साथ जाने पर पहले 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। रकम न देने पर दोनों को पीटा गया।
BJP की महिला नेता को निर्वस्त्र कर पीटा गया
27 जून, कूच बिहार BJP ने TMC पर आरोप लगाया था कि कूच बिहार जिले में पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की महिला पदाधिकारी रोशोनारा खातून को घर से खींचकर सड़क पर घसीटा गया और निर्वस्त्र कर पीटा गया। TMC के गुंडों ने गोखसदांगा में उनकी पिटाई की और सार्वजनिक रूप से उनके कपड़े फाड़ दिए।
बदसलूकी का शिकार हुई BJP नेता को एमजेएन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। खातून ने बताया- ‘TMC के नेताओं ने उन्हें निर्वस्त्र कर दिया और पानी में डुबाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अगर TMC में नहीं शामिल हुई तो और टॉर्चर किया जाएगा। मैं बेहोश हुई तो छोड़ दिया गया। अब पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई नहीं कर रही।’
एक्सपर्ट: गांव-पंचायतों में अब भी लगती है कंगारू कोर्ट
पश्चिम बंगाल में कंगारू कोर्ट का इतिहास बहुत पुराना है। इसे लोकल भाषा में सालिसी सभा भी कहा जाता है। पश्चिम बंगाल के गांव और पंचायतों में ये CPI(M) के दौर से लगाई जा रही हैं।
सीनियर जर्नलिस्ट प्रभाकर मणि तिवारी कंगारू कोर्ट के बारे में बताते हुए कहते हैं, ‘पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में लोकल स्तर पर ऐसी कई अदालतें लगती हैं। इसमें पंचायत सदस्य, सत्तापक्ष के लोग और लोकल दबदबा रहने वाले गुंडे-बदमाश फैसला सुनाते हैं। गांव के लोग गवाह बनते हैं। मुद्दा कोई भी हो सकता है।’
‘इसमें सोशल बायकॉट से लेकर, रेप, मुंह काला कर घुमाने और जान से मारने के फैसले भी सुनाए जा सकते हैं। सभा का वीडियो बनाने की सख्त मनाही होती है। अगर सभा के दौरान कोई वीडियो बनाता पकड़ा गया तो उस पर भी कार्रवाई की जाती है।’
‘कंगारू कोर्ट में TMC लीडर्स के शामिल होने के सवाल पर प्रभाकर कहते हैं, ‘अभी प्रदेश में TMC सत्ता में हैं। लिहाजा, इन अदालतों में TMC के लोकल लीडर, विधायक, पंचायत सदस्य और गुंडों की हिस्सेदारी होती है। वो अपने हिसाब से किसी भी दिन और समय इस तरह की कंगारू कोर्ट लगाते हैं और फैसले सुनाते हैं।’
कानून अपने हाथ में लेने के मामले गंभीर, पुलिस अपना काम कर रही
प्रदेश में मॉब लिंचिंग, बदसलूकी और सरेआम पिटाई के वीडियो सामने आने के बीच पश्चिम बंगाल पुलिस ने गुरुवार को माना कि लोगों का कानून अपने हाथ में लेना चिंताजनक है। पश्चिम बंगाल के ADG मनोज वर्मा ने कहा, ‘ये एक गंभीर मुद्दा है। हमने अपने फील्ड अधिकारियों के साथ इस पर चर्चा की है। इसे लेकर पुलिस स्टेशनों को दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।’
ADG ने नॉर्थ 24 परगना मामले में कहा, ‘पुलिस ने TMC के लोकल लीडर जयंत सिंह और उनके सहयोगियों को अरेस्ट कर लिया है। मारपीट के वीडियो के आधार पर पहचान कर छह लोगों की गिरफ्तारी की है। बाकी आरोपियों की पहचान कर ली गई है। उन्हें भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।’
कंगारू कोर्ट का पुराना बंगाल का कल्चर, पुलिस को इसे रोकना होगा
बंगाल में कथित कंगारू कोर्ट को लेकर हमने पूर्व IPS अधिकारी देबाशीष धर से भी बात की। वे कहते हैं,‘प्रदेश में हम तालिबानी शासन देख रहे हैं। मुस्लिम देशों में इस तरह से अदालत लगाकर सजा दी जाती है, लेकिन हम लोकतांत्रिक देश हैं। हमारे यहां संविधान ने किसी को कानून अपने हाथ में लेने का हक नहीं दिया है। सजा देने का काम कानून का है।’
‘हालांकि, कंगारू कोर्ट हमेशा से बंगाल का कल्चर रहा है। इसे सिर्फ कानून और पुलिस ही ठीक कर सकती है। ये लॉ एंड ऑर्डर से जुड़ा मामला है इसलिए इसमें पुलिस की भूमिका बहुत अहम हो जाती है।’
‘इसे रोकने के लिए सोशल अवेयरनेस बहुत जरूरी है। इससे जुड़े लोगों को सख्त सजा देने की जरूरत है। ऐसे मामलों में जल्दी चार्जशीट फाइल नहीं होती, जबकि वो सबसे जरूरी है। अगर पुलिस सही तरह से कार्रवाई करे, तो इसे रोका जा सकता है।’
BJP बोली: TMC का मतलब है तालिबानी मानसिकता
BJP प्रवक्ता शहजाद पूनावाला TMC और ममता सरकार को घेरते हुए कहते हैं, ‘TMC का मतलब तालिबानी मानसिकता और संस्कृति है। बंगाल की सड़कों पर तालिबानी अंदाज में कंगारू कोर्ट चल रही है, जिसके वीडियो देखकर पूरा देश सदमे में है।’
‘ये कंगारू कोर्ट दिन के उजाले में लग रही है, लेकिन ममता दीदी, प्रियंका वाड्रा, प्रियंका चतुर्वेदी, सागरिका घोष, महुआ मोइत्रा, राहुल गांधी समेत पूरा ग्रुप शांत बैठा है। स्वाति मालीवाल केस और संदेशखाली पर भी वे चुप थे।’
TMC बोली: BJP का पंचायत को कंगारू कोर्ट बोलना सही नहीं
हालांकि, TMC इसे BJP की साजिश बता रही है। पार्टी प्रवक्ता तौसीफ रहमान कहते हैं, ‘TMC ने हमेशा ऐसी घटनाओं पर एक्शन लिया है। हमने इन मामलों में भी शामिल नेताओं को पार्टी से सस्पेंड कर दिया है। आरोपी जयंत सिंह भी जेल में हैं। पार्टी में कुछ ऐसे लोग हैं, जो गलत काम कर रहे हैं, लेकिन हम ऐसी घटनाओं को सही नहीं मानते।’
‘BJP गुंडों की फोटो TMC के नेताओं के साथ वायरल कर रही है। कोई भी किसी के साथ फोटो खिंचवा लेता है। इसका ये मतलब नहीं कि TMC नेताओं को अपराधी घोषित कर दिया जाए। BJP नेता बृजभूषण शरण सिंह पर भी आरोप लगे। फिर भी BJP ने उनके बेटे को टिकट दिया। ऐसा TMC में कभी नहीं होता।’
सौजन्य :दैनिक भास्कर
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