सख्ती: लाल इमली में अफसरों के कार्यक्षेत्र में बदलाव…एक ने दिया इस्तीफा, अगले सप्ताह आ रहे हैं BIC के अफसर
Kanpur News: लाल इमली कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि अफसरों के कार्यक्षेत्र बदलने में अनुभव को नहीं देखा गया। मिल में हुए वेतन घोटाले की सीबीआई जांच कराई जाए। एफआईआर दर्ज कराकर रुपयों की रिकवरी की जाए। मार्च 2025 तक के वेतन भुगतान के लिए बजट मांगा गया है।
कानपुर की लाल इमली मिल में हुए वेतन घोटाले के बाद बीआईसी ने अफसरों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया है। इससे नाराज एक अफसर ने इस्तीफा भी दे दिया। कई और अधिकारी भी इस्तीफा दे सकते हैं। सुरक्षा, एकाउंट, वित्त और वेज विभाग के अफसर इधर से उधर किए गए हैं। वहीं, जांच में पता चला है कि आरोपी अफसर के रिश्तेदार उसके साले और साली हैं।
इनके खाते में रकम भेजी गई। वहीं, घोटाला सामने आने के बाद अगले सप्ताह बीआईसी के शीर्ष अधिकारी शहर आ रहे हैं। लाल इमली मिल में हुए 23 लाख के वेतन घोटाले की प्रारंभिक जांच में चार अफसर दोषी पाए गए हैं। बीआईसी ने विभागाध्यक्ष वित्त राखी सेठी, लाल इमली मिल इंचार्ज बीके मौर्या, अकाउंट अफसर विनय मिश्रा, धनराशि स्वीकृत करने वाले अधिकारी मनोज शुक्ला को दोषी मानते हुए चार्जशीट दी है।
बंदी के मुहाने पर खड़ी लाल इमली मिल में 52 लाख रुपये का घोटाला किया गया। 23 लाख के वेतन घोटाले के अलावा डैमेज शुल्क में 29 लाख रुपये की गड़बड़ी मिली थी। जांच में पता चला था कि दिनेश कुमार, रामआसरे और सुनैना देवी नाम के व्यक्तियों के खातों में सात से साढ़े आठ लाख रुपये डाले गए थे। दिनेश कुमार और रामआसरे के खाते चंदौली के थे। जिस अधिकारी को चार्जशीट दी गई है, वो दिनेश, रामआसरे और सुनैना देवी का जीजा है।
लाल इमली में अफसरों के कार्यक्षेत्र में बदलाव
ये सभी खाते मार्च 2023 में खोले गए थे, जबकि रुपये जुलाई 2023 में आए थे। सूत्रों ने बताया कि घोटाला सामने आने के बाद बीआईसी ने मिल में काम करने वाले अन्य अफसरों के कार्यक्षेत्र बदल दिए। सुरक्षा अधिकारी को एकाउंट विभाग दे दिया। प्रबंधक प्रशासन का काम देखने वाले अफसर को वित्त विभाग भेज दिया। इसी तरह एकाउंट विभाग के अधिकारी को स्टोर व खरीद और एकाउंट से जुड़े अधिकारी को संपत्ति और सुरक्षा विभाग की जिम्मेदारी दे दी गई।
इस साल मिल बंदी की आशंका नहीं
इनमें से राजेंद्र सिंह ने इस्तीफा दे दिया। लाल इमली कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि अफसरों के कार्यक्षेत्र बदलने में अनुभव को नहीं देखा गया। मिल में हुए वेतन घोटाले की सीबीआई जांच कराई जाए। एफआईआर दर्ज कराकर रुपयों की रिकवरी की जाए। मार्च 2025 तक के वेतन भुगतान के लिए बजट मांगा गया है। ऐसे में इस साल मिल बंदी की आशंका नहीं है।
सौजन्य :अमर उजाला
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