सतना में महिला और दो बेटों की हत्या:रेलवे ट्रैक पर मिला पति का शव; एक दिन पहले ही किराए के कमरे में रहने आया था परिवार
सतना में एक महिला की दो बेटों के साथ उसके ही घर में हत्या कर दी गई। पति का शव रेलवे ट्रैक पर मिला। परिवार एक दिन पहले ही किराये के मकान में रहने पहुंचा था।
मामला शहर के नजीराबाद इलाके में बुधवार सुबह का है। सूचना मिलते ही एसपी आशुतोष गुप्ता मौके पर पहुंचे। पुलिस पड़ोसियों से पूछताछ कर रही है।
प्राथमिक जानकारी के मुताबिक, राकेश चौधरी तिघरा गांव का रहने वाला था। सतना में रहकर मजदूरी करता था। उसने नजीराबाद में हरदौल बाबा मंदिर के पास राजेश उर्फ कैदी प्रजापति के मकान में एक कमरा किराए पर लिया था। परिवार मंगलवार को ही यहां रहने आया था। बुधवार सुबह आवाज नहीं आई तो मकान मालकिन देखने पहुंची। यहां संगीता (28), उसके दो बेटों- निखिल (8) और ऋतिक (6) की लाशें दिखीं। राकेश घर पर नहीं था।
उधर, जीआरपी को रेलवे ट्रैक पर एक लाश मिली। अज्ञात के नाम पर मामला दर्ज पतासाजी करने नजदीकी थानों को जानकारी दी गई। कोतवाली थाने से पुलिस मौके पर पहुंची तो शव की पहचान राकेश चौधरी के तौर पर हुई।
एसपी आशुतोष गुप्ता ने कहा, ‘पुलिस घटनाक्रम की जांच कर रही है। कमरे में मिली तीनों बॉडीज को देखकर प्रथम दृष्टया मामला हत्या का लग रहा है। टीम हर एंगल पर जांच कर रही है। पति का शव रेलवे ट्रैक पर मिला है। बॉडी से सिर और दोनों हाथ गायब हैं।
मकान मालकिन चंदा ने कहा, ‘मैं और संगीता साथ में मजदूरी करते थे। परिवार कहीं और रहता था। किसी कारण से उन्हें वो मकान खाली करना पड़ा। मंगलवार सुबह करीब 6 बजे वे मेरे पास आए। मुझसे एक दिन के लिए कमरा लिया। बोला कि कल तक दूसरा ठिकाना ढूंढ लेंगे। इसके बाद वो बच्चों को कमरे में छोड़कर मजदूरी करने चले गए।
पति-पत्नी 12 बजे वापस लौटे और खाना खाया। शाम को दोनों 6 बजे के करीब घर ढूंढने निकल गए। रात 8 बजे लौटे। आज सुबह जब मुझे कमरे में कोई हलचल सुनाई नहीं दी तो मैंने खिड़की से झांककर देखा। अंदर बच्चों और संगीता की लाश थी।’
संगीता का मायका बिरसिंहपुर के पास खांच रेउहान गांव में है। परिजन ने बताया कि 5 महीने पहले वह बच्चों को साथ लेकर कहीं चली गई थी। इसकी थाने में शिकायत कराई गई थी। जब वो लौटकर आई, तब से किसी से उसका कोई संपर्क नहीं हुआ था। उसका मायका बिरसिंहपुर के पास ग्राम खांच रेउहान में था। उधर, मकान मालकिन चंदा ने बताया कि राकेश और उसके बड़े भाई रमेश की आपस में ज्यादा नहीं बनती थी।
सौजन्य :दैनिक भास्कर
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