“जब सवर्ण अपने बेटे-बेटियों की शादी दलित परिवारों में करेगा तो आरक्षण बंद”, यूपी के पूर्व आईएएस के वीडियो पर छिड़ी बहस
नई दिल्ली: पूर्व आईएएस अभिषेक सिंह का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह मेरिट और आरक्षण के सवाल का जवाब दे रहे हैं. अभिषेक सिंह ने इस पॉडकास्ट की क्लिप अपने सोशल मीडिया पर भी शेयर की है| उन्होंने बताया कि आरक्षण क्यों जरूरी है और इसे कब बंद किया जा सकता है|
उन्होंने कहा, “मेरिट शब्द के मतलब को समझना बेहद जरूरी है. मेरिट का मतलब सिर्फ स्किल और आपके अंदर कितनी प्रतिभा है वो नहीं है. एक दलित बच्चा पैदा होता है तो उसे बताया जाता है कि तुम दलित हो, बार-बार उससे यह चीज कही जाती है. जबकि सवर्ण क्लास का बच्चा जब बड़ा होता है तो उसे शुरू से बताया जाता है कि बेटा तुम तो रूल करने के लिए पैदा हुए हो.”
अभिषेक सिंह ने पॉडकास्ट के दौरान रिजर्वेशन के सवाल पर कहा, “रिजर्वेशन पर पहला सवाल होना चाहिए कि यह क्यों होना चाहिए. जहां तक मेरी समझ है कि आरक्षण इसलिए होता है कि कुछ जातियों को उत्थान की जरूरत है, क्योंकि उनको सदियों से उसी नजर से देखा गया है. उस जाति के लोग भरे समाज में अपनी जाति का नाम गर्व से नहीं ले सकते. समाज में कुछ जातियां है, जिनको आप प्राउडली नहीं कह पाएंगे कि आप उस जाति से हैं, लेकिन अगर आप ब्राह्णण होंगे या ठाकुर होंगे बोलोगे कि मैं वॉरियर क्लास का हूं.”
आगे कहा, “उन लोगों को ये सेंस ऑफ प्राइड तभी मिल सकती है जब उस समाज के लोग मेन स्ट्रीम में आ जाएं. समाज और सरकार की टॉप पोजिशन पर कुछ वर्षों तक रहें. इससे उनका मनोबल बढ़ेगा. इससे उनके अंदर सेंस ऑफ प्राइ़ड डेवलप हो जाए या भेदभाव न रहे. जब तक वो नहीं जाएगा तब तक रिजर्वेशन रहना चाहिए. ये समाज की गलती है कि वो उनको उस दृष्टि से देखता है. जब उनको रिजर्वेशन दिया जाता है तो आपको तकलीफ होती है, तब आप मेरिट की बात करते हो.”
उन्होंने कहा, “एक दलित बच्चा पैदा होता है उसे बचपन से बार-बार बताया जाता है कि तुम दलित हो, बार-बार उसको यही बात कही जाती है. वो धीरे-धीरे उसी मेंटल स्टेट में बड़ा होता है. उसको बहुत सारी चीजें ऐसी लगती हैं जिनको वह अचीव नहीं कर सकता है. जब एक हाई क्लास का बच्चा होता है जिसे हम सवर्ण कहते हैं वो जब बड़ा होता है तो उसे शुरू से बताया जाता है कि बेटा तुम तो रूल करने के लिए पैदा हुए हो..”
तब रिजर्वेशन बंद कर देना’
उन्होंने कहा, “रिज़र्वेशन का एक पिछड़ा और दलित की आर्थिक स्थिति से कोई लेना देना नहीं है क्योंकि वो अमीर भी हो जायेगा तब भी समाज उसको एक पिछड़ा और दलित के रूप में ही पहचानेगा. जिस दिन समाज एक दलित और पिछड़े को हीन दृष्टि से देखना बंद कर दे उस दिन रिज़र्वेशन ख़त्म कर देना. जिस दिन एक सवर्ण परिवार ख़ुशी ख़ुशी गर्व से अपनी बेटी बेटों की शादी एक दलित परिवार में करना शुरू कर देगा उस दिन रिज़र्वेशन बंद कर देना.”
अभिषेक सिंह के इस वीडियो पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी दिखी. एक यूजर ने लिखा, सही समीक्षा और कथन जिस दिन सामाजिक समानता आ जाएगी, भेदभाव ख़त्म हो जायेगा, उस दिन आर्थिक समानता कि डिमांड भी ख़तम हो जाएगी… लेकिन एक कदम कोई बढाकर तो देखे..कोई तो विद्रोही बने..” एक ने लिखा, “अभिषेक सर अभी कुछ लोग स्वर्ण जाति के आयेंगे आपको बुरा भला कहेंगे क्युकी उनको वास्तविकता से नफरत है और अपने समाज की वास्तविकता को बता रहें हैं.”
एक अन्य यूजर ने लिखा, “उत्तर प्रदेश सरकार ने वापस नौकरी में नहीं लिया तो यह सब करके करियर बनाने का प्रयास कर रहा है.” एक ने लिखा, रिज़र्वेशन का एक पिछड़ा और दलित की आर्थिक स्थिति से कोई लेना देना नहीं है तो सभी परीक्षा में फीस में, इनको रियायत क्यों दी जाती है, आर्थिक सहायता स्कॉलरशिप्स के माध्यम से क्यों प्रदान की जाती है , इस सब को तुरंत बंद करना चाहिए.”
सौजन्य :जी न्यूज़
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