रेप की कीमत 4 लाख! 20 दिन थाने का चक्कर, अब साहब के आदेश से कांप उठे दारोगा जी
बिहार के दरभंगा जिले से चौंका देने वाली खबर सामने आई है। जहां दुष्कर्म की पीड़िता को इंसाफ देने के लिए पंचायत का आयोजन किया गया। उसके बाद उसके अस्मत की कीमत लगाई गई। आरोपी ने पंचायत का फैसला मानने से इनकार कर दिया। वहीं इस मामले में पुलिस का रवैया काफी लापरवाही वाला रहा।
दरभंगा: बिहार के दरभंगा जिले के एसएसपी के जनता दरबार में जब दो वर्षों तक यौन शोषण का शिकार रही पीड़ित इंसाफ के लिए पहुंची, तो पुलिस कप्तान भी गंभीर हो गए। उन्होंने गंभीरता के साथ पीड़ित की बात को सुना। पीड़ित ने गांव के ही एक युवक पर शादी का झांसा देकर दो वर्षों तक यौन शोषण का आरोप लगाया है। अब युवक शादी से इनकार कर रहा है। पीड़ित प्राथमिकी दर्ज करने के लिए 20 दिनों तक थाने का चक्कर लगाती रही। दारोगा साहब ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की। एसएसपी ने तुरंत इस मामले में संज्ञान लिया और आरोपी दारोगा हयाघाट थानाध्यक्ष को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
पंचायत का फरमान
इस मामले में ट्विस्ट तब आया, जब घटना को लेकर गांव में पंचायत बैठी। उप मुखिया इसके सर्वेसर्वा चुने गए। उप मुखिया के फरमान को तामील करने की घोषणा हुई। गांव के गणमान्य लोगों के बीच बैठे मुखिया ने पीड़ित के अस्मत की कीमत लगा दी। उन्होंने कहा कि पीड़ित को आरोपी की ओर से 4 लाख रुपये दिए जाएं और मामले को रफा-दफा किया जाए। उसके बाद आरोपी भड़क गया। पंचायत का फैसला नहीं माना। उसने पीड़ित के साथ मारपीट की। उसके बाद पीड़ित पुलिस के पास पहुंची। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया। अब पीड़ित को एसएसपी के आश्वासन का सहारा है।
पुलिस ने लिया संज्ञान
उधर, पंचायत में उप मुखिया यहीं पर नहीं रूके। उन्होंने पंचायत की ओर से एक एकरारनामा बनवा दिया। आरोपी को आदेश दिया गया कि इस इकरारनामे पर सभी लोगों के हस्ताक्षर हैं। वो भी इस पर अपना हस्ताक्षर कर दे और 4 लाख रुपये का भुगतान कर दे। आरोपी ने उस इकरारनामे को मानने से इनकार कर दिया। जब पीड़ित थाने पहुंची, तो थाना प्रभारी ने पंचायत वाले इकरारनामे को महत्व देते हुए पीड़ित को थाने से वापस कर दिया था। पीड़ित की मां भी लगातार पुलिस के चक्कर काट रही थी। जब मां-बेटी एसएसपी जे रेड्डी के पास पहुंचे। तब इस मामले में एक्शन हुआ है।
सौजन्य :नवभारत टाइम्स
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