कानूनी मान्यताओं के बाद भी ट्रांसजेंडर झेल रहे भेदभाव : डॉ. मीनल
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न ऐतिहासिक निर्णयों के माध्यम से ट्रांसजेंडर अधिकारों को कानूनी मान्यता और सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इसके बावजूद ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को आज भी रोजगार, स्वास्थ्य देखभाल और सामाजिक समावेशन सहित जीवन के कई पहलुओं में भेदभाव का सामना करना पड़ता है। एम्स बिलासपुर ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहा है।
एम्स बिलासपुर में तैनात अतिरिक्त प्रो. डॉ. मीनल मधुकर ठाकरे सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग ने बताया कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए रोजगार में असमानता एक गंभीर समस्या बनी हुई है। आज भी कई ट्रांसजेंडर व्यक्ति नौकरी पाने के लिए पूर्वाग्रह और बाधाओं का सामना करते हैं। यह न केवल उनके आर्थिक अवसरों को सीमित करता है, बल्कि उनके समग्र कल्याण और सामाजिक स्थिति को भी प्रभावित करता है। ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार विशेष चिकित्सा सेवाओं की कमी का सामना करना पड़ता है। सामाजिक बहिष्कार इन चुनौतियों को और बढ़ा देता है, क्योंकि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को अक्सर हाशिए पर रखा जाता है और उनके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक समर्थन से उन्हें वंचित कर दिया जाता है। इन महत्वपूर्ण मुद्दों के जवाब में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए एक सलाह को मंजूरी दी है। यह सलाह भेदभाव को संबोधित करने और समावेशन को बढ़ावा देने के लिए व्यापक उपायों को रेखांकित करती है, जिसमें रोजगार, स्वास्थ्य देखभाल और सामाजिक समर्थन प्रणालियों तक पहुंच में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
सभी लोगों से आग्रह है कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों की वकालत करने और समाज के सभी पहलुओं में उनके एकीकरण का समर्थन करने में एम्स के साथ शामिल हों। यह आवश्यक है कि मिलकर एक समावेशी वातावरण बनाने के लिए काम करें। जहां हर कोई चाहे उनकी लैंगिक पहचान कुछ भी हो, उन्नति करें और समाज में योगदान कर सकें। ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की गरिमा और अधिकारों को बनाए रखने के लिए सक्रिय रूप से नीतियों और प्रथाओं को लागू करें। सभी साथ मिलकर समाज में बदलाव ला सकते हैं।
– डॉ. मीनल मुधकर ठाकरे, अतिरिक्त प्रोफेसर, एम्स बिलासपुर
सौजन्य: अमर उजाला
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