दलित की जमीन का कैसे कर दिया बैनामा, फिर करें जांच : कोर्ट
ऊंचाहार (रायबरेली)। धांधली कर एक दलित की जमीन हड़प लेने का एक और मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में फर्जी अनुमति पत्र के आधार पर दलित की जमीन का बैनामा कराने के मामले में दीवानी न्यायालय ने पुलिस को दोबारा जांच के आदेश दिए हैं। विवेचक के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। आदेश मिलने के बाद पुलिस ने विवेचना शुरू कर दी है।
क्षेत्र के पूरे गुलाब मजरे कंदरावां गांव निवासी दलित महराजदीन ने वर्ष 2008 में अपने हिस्से की जमीन नगर पंचायत के वार्ड नंबर आठ निवासी शबनम बेगम व वार्ड नंबर छह निवासी अलमदार हुसैन के नाम बैनामा किया था। जमीन का मालिक अनुसूचित जाति का होने के चलते एडीएम प्रशासन का अनुमति पत्र लगाया गया था। नगर के फड़ मोहल्ला निवासी मीसम हैदर की जनसूचना मांगने के बाद मनमानी की पोल खुल गई।
मामले में जमीन की सहखातेदार रामकली की तहरीर पर सीओ ने क्रेता अलमदार हुसैन के खिलाफ जालसाजी सहित गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में एसडीएम आशुलिपिक ने एडीएम प्रशासन कार्यालय की डाक बही में उक्त अनुमति पत्र को दर्ज कराकर आरटीआई से मांगी गई सूचना सूचना दे दी, जिसके आधार पर विवेचक ने मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाकर आरोपी को दोषमुक्त कर दिया था।
पीडि़ता ने दीवानी न्यायालय का दरवाजा खटखटाया तो कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया। कोर्ट ने माना कि पर्याप्त साक्ष्य के बावजूद विवेचक ने बिना जांच के आख्या प्रस्तुत की है। कोर्ट ने ऊंचाहार पुलिस को मामले की दोबारा जांच करने का आदेश दिया है। मामले की जांच एसएसआई लोकेंद्र सिंह को सौंपी गई है। कोतवाल अनिल कुमार सिंह ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर मामले की विवेचना शुरू की गई। जल्द ही जांच बाद आख्या न्यायालय को भेजी जाएगी।
सौजन्य: अमर उजाला
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