आईपी एस दोस्त की मदद से दलित महिला के खिलाफ दर्ज कराई 8 एफआईआर
बिलासपुर, 22 जून। रेप केस वापस लेने के लिए दबाव बनाने के लिए आरोपी ने अपने एक आईपी एस दोस्त की मदद से एक दलित महिला और उसके खिलाफ एक के बाद एक आठ झूठी एफआईआर दर्ज करा दी । इन मामलों में पीड़ित पक्ष कोजेल जाना पड़ा । पीड़ित महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पुलिस के रवैये पर हैरानी जताई और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने कहा है।
दलित विवाहित महिला ने सिटी कोतवाली बिलासपुर में शिकायत दर्ज कराई थी कि वर्ष 2018 से 12 दि संबर 2019 के बीच रायपुर के न्यू कॉलोनी टिकरा पारा निवासी आरोपी पीयूष तिवारी (35) ने खुद को अविवाहित और डी एसपी बता कर उसे शादी करने का प्रलोभन दिया उसके साथ दुष्कर्म किया । बाद में पीड़ि ता को पता चला कि आरोपी न तो डी एसपी है और न ही अविवाहित है। तब उसने संबंध खत्म कर लिए और उसके खिलाफ दुष्कर्म के साथ ही एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करा दिया ।
इसके बाद आरोपी पीयूष तिवा री और उसके आईपी एस मित्र अरविंदविं कुजूर ने आरोपी महिला को धमकी दी कि केस वापस लेने पर उसे वे झूठे केस में फंसा देंगे। बाद में पीड़िता इंदौर में शादी कर ली । याचिका के अनुसार शा दी का पता चलने पर पीयूष तिवारी ने कुम्हारी पुलिस थाने में धोखा धड़ी का झूठा केस दर्ज कराया । पुलिस ने महिला के पिता , भाई और पति को गिरफ्ता र कर जेल भेज दि या ।
कोर्ट में पीड़िता के अधिवक्ता अमन सक्सेना ने बता या कि इसी तरीके से पीड़िता और उसके परिवार पर फर्जी तरीके से 8 एफआईआर दर्ज करा ई जा चुकी है। एक केस में पीड़ितों को जमानत मिलती थी , तो दूसरी एफआईआर दर्ज करा दी जाती थी । ऐसा कई बार हुआ, जिससे महिला का परिवार लगातार जेल में रहा । सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डिवीजन बेंच ने पुलिस के रवैये पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे में पीड़ित के परिवार का पूरा जीवन केस लड़ते बीत जाएगा । को र्ट में पुलिस की ओर से कहा गया कि दो मामलों में खात्मा कर दि या गया है, शेष प्रकरणों पर जांच जारी है। हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए सभी मामलों में ट्रायल पर रोक लगा दी ।
हाईकोर्ट ने आईपी एस अरविन्द कुजूर, पीयूष ति वा री और अभिषेक गजलवार को दो सप्ताह के भीतर शपथपत्र पर जवाब देने का निर्देश दिया है। साथ ही याचिका र्ता को भी अगले दो सप्ताह में शपथ पत्र देने कहा गया है
सौजन्य:डेली छत्तीसगढ़
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