बिहार: प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत नवनिर्मित पुल उद्घाटन से पहले ढहा
बिहार के अररिया ज़िले के सिकटी में बकरा नदी पर बने 182 मीटर लंबे पुल का एक बड़ा हिस्सा मंगलवार दोपहर ढह गया. पुल का निर्माण निजी ठेकेदारों द्वारा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 12 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था|
नई दिल्ली: बिहार के अररिया जिले के सिकटी में बकरा नदी पर बने 182 मीटर लंबे पुल का एक बड़ा हिस्सा मंगलवार दोपहर ढह गया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बकरा नदी पर बने इस पुल का निर्माण निजी ठेकेदारों ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 12 करोड़ रुपये की लागत से किया था. शुरुआत में इस पर 7.79 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान था. निर्माण अप्रैल 2021 में शुरू हुआ और जून 2023 में पूरा हुआ. पुल के दोनों ओर पहुंच मार्ग बनने के तुरंत बाद इसका उद्घाटन होना था| स्थानीय अधिकारियों को संदेह है कि पानी के सुचारू प्रवाह के लिए पुल के दो खंभों के पास हाल ही में की गई खुदाई से खंभे कमजोर हो गए होंगे, जिससे पुल ढह गया. पुल पर कुल 16 खंभे थे|
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना पर रिपोर्ट मांगी है|
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यकारी अभियंता आशुतोष कुमार ने कहा कि जांच के बाद ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी| उन्होंने कहा, ‘नदी के मार्ग में बार-बार बदलाव के कारण यह हादसा हुआ. कुछ दिन पहले स्थानीय लोगों ने पुल के दो खंभों के बीच नदी के मार्ग को बदलने की कोशिश की थी, जिसके कारण पुल ढह गया.’
इसी बीच, सिकटी विधायक विजय कुमार ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ‘निर्माण कंपनी के मालिक की लापरवाही के कारण पुल ढहा है. हम मांग करते हैं कि प्रशासन इसकी जांच करे.’ वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया कि ढहा हुआ पुल सड़क परिवहन मंत्रालय के अधीन नहीं था और इसका निर्माण राज्य सरकार ने किया था| गडकरी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘बिहार के अररिया जिले में ढहे पुल का निर्माण केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन नहीं किया गया था| पुल का निर्माण बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा किया जा रहा था.’
बिहार में हाल के वर्षों में पुल ढहने की अन्य घटनाएं भी देखी गई हैं|
22 मार्च को कोसी नदी पर सुपौल में निर्माणाधीन पुल के तीन स्लैब गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई और आठ लोग घायल हो गए. 10.5 किलोमीटर लंबे इस पुल का उद्घाटन 2014 में हुआ था| इससे पहले जून 2023 में गंगा नदी पर बने अगुआनी-सुल्तानगंज पुल का 200 मीटर हिस्सा ढह गया था, जब इसे सहारा देने वाले तीन खंभे ढह गए थे. ठीक एक साल पहले इसी तरह की एक और घटना इसी पुल पर घटी थी|
इसके तीन हफ्ते बाद 24 जून 2023 को किशनगंज जिले में मेची नदी पर बन रहे एक और पुल का एक हिस्सा ढह गया था. पुल को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा बनाया जा रहा था, जो केंद्र सरकार की भारत माला परियोजना के तहत किशनगंज और कटिहार जिलों को जोड़ने वाली 49 किलोमीटर लंबी चार-लेन सड़क का हिस्सा था.
दिसंबर 2022 में बेगूसराय जिले में बूढ़ी गंडक नदी पर 13 करोड़ रुपये की लागत से बना पुल उद्घाटन से पहले ही ढह गया था. साल 2020 में बिहार के गोपालगंज और पूर्वी चंपारण जिले को जोड़ने वाले एक नवनिर्मित पुल का एक हिस्सा उद्घाटन के करीब एक महीने बाद ही भारी बारिश के बाद ढह गया था. इस पुल का उद्घाटन खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था|
सौजन्य :द वायर
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