दलित महिला का अंतिम संस्कार रोका, तनाव
दादरी। जारचा कोतवाली क्षेत्र के ऊंचा अमीरपुर गांव में एक समाज के लोगों ने दलित बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्कार करने से रोक दिया। इसके बाद गांव में तनाव बढ़ गया। सूचना पाकर पुलिस के साथ एसडीएम दादरी मौके पर पहुंचे और लोगों से वार्ता की। करीब तीन घंटे बाद सहमति बनने पर पुलिस की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कराया जा सका।
पुलिस के अनुसार, गांव में सोमवार रात जाटव समाज की विमला देवी (62) की आकस्मिक मौत हो गई थी। परिजन अंतिम संस्कार के लिए गांव स्थित श्मशान घाट पर जा रहे थे, लेकिन एक समाज के लोगों ने विरोध किया और अंतिम संस्कार रुकवा दिया। घटना की सूचना पुलिस को दी गई। सहायक पुलिस आयुक्त, जारचा कोतवाली प्रभारी और उप जिलाधिकारी गांव में पहुंच गए। लोगों ने प्रशासन को बताया कि जाटव समाज के लिए श्मशान घाट की जगह चिन्हित थी, लेकिन गांव के लोगों ने सहमति से इस पर खेल मैदान बनाने की मांग की थी। इसके बाद प्रशासन खेल मैदान बनवा रहा है। उस समय विरोध करने वाले समाज के लोगों ने दूसरी जगह पर अंतिम संस्कार करने पर सहमति दी थी। करीब डेढ़ माह पूर्व जाटव समाज के प्रेमपाल की मौत के समय भी अंतिम संस्कार करने से रोका गया था। उस समय तहसीलदार ने श्मशान घाट के लिए भूमि चिन्हित करने का आश्वासन दिया था। पुराने सार्वजनिक श्मशान घाट में ही प्रेमपाल का अंतिम संस्कार किया गया था, लेकिन अब फिर विरोध शुरू हो गया है। तनाव बढ़ने पर अफसरों ने विरोध कर रहे लोगों से बात की तो करीब तीन घंटे बाद विमला का अंतिम संस्कार हो सका।
गांव में सभी समुदायों के लोगों से बातचीत के बाद सार्वजनिक श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया। जाटव समाज के लोगों के लिए जल्द ही भूमि चिन्हित कर समाधान कर दिया जाएगा। – अमित प्रताप सिंह, सहायक पुलिस आयुक्त
सौजन्य :अमर उजाला
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