2022 में मौत, 6 महीने बाद कब्र से निकाला गया था शव, कोलकाता HC में खुले IIT खड़गपुर छात्र फैजान की हत्या के राज
असम में डिब्रूगढ़ के रहने वाले फैजान अहमद (23) का शव 14 अक्टूबर 2022 को आईआईटी खड़गपुर परिसर में मिला था। फैजान का शव एक कमरे में था, दावा किया गया था कि छात्र ने आत्महत्या की है। फैजान के शव को डिब्रूगढ़ के अमोलपट्टी कब्रिस्तान में दफनाया गया था।
अक्टूबर 2022 में हॉस्टल के कमरे में मिला था फैजान का शव आत्महत्या का दावा कहकर शव को दफना दिया गया था पोस्टमॉर्टम में भी आत्महत्या का किया गया दावा
फैजान के माता-पिता ने हाई कोर्ट में की याचिका 6 महीने बाद शव निकालकर हुआ था पोस्टमॉर्टम 2022 में मौत, 6 महीने बाद कब्र से निकाला गया था शव, कोलकाता HC में खुले IIT खड़गपुर छात्र फैजान की हत्या के राजअमेज़न पर 16 जून तक मेगा टीवी डेज़- 65% तक की छूट पाएं
कोलकाता : आईआईटी खड़गपुर के छात्र फैजान अहमद की मौत का राज गहराता जा रहा है। आत्महत्या की बात कहकर शव दफना दिया गया था। इधर हत्या की आशंका के चलते फैजान के शव को 6 महीने बाद कब्र से निकाला गया था। फरेंसिक एक्सपर्ट ने दावा किया है कि फैजान का शव निकालकर जब दूसरी बार पोस्टमॉर्टम किया गया तो उसकी थायरॉयड की हड्डी टूटी मिली। उसके सिर पर चोट के निशान मिले। इस मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट के नियुक्त किए गए एक बाहरी फोरेंसिक विशेषज्ञ जांच कर रहे हैं। उन्होंने खुलासा किया कि छात्र फैजान अहमद की गर्दन में गोली मारी गई थी। उसे चाकू मारा गया था और सीने पर भारी हथियार से वार किया गया था। असम के इस छात्र की मौत के मामले में माता-पिता का संदेह अब मजबूत हो गया है कि उनके बेटे ने आत्महत्या नहीं की है।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष के छात्र फैजान को 14 अक्टूबर 2022 को लाला लाजपत राय छात्रावास के एक कमरे में मृत पाया गया था। खास बात है कि जिस कमरा नंबर सी-205 में उसका शव मिला था, वह रूम उसका नहीं था।
हाई कोर्ट कर रहा निगरानी
छात्र की मौत की एसआईटी जांच की निगरानी कलकत्ता हाई कोर्ट खुद कर रहा है। हाई कोर्ट ने मामले को नए सिरे से देखने के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञ अजय कुमार गुप्ता को नियुक्त किया है। अजय कुमार गुप्ता ने कहा, ‘मुझे (शरीर का) अतिरिक्त वीडियो फुटेज प्रदान किया गया था, जिसके आधार पर मैं एक निष्कर्ष पर पहुंचा… जैसा कि आप जानते होंगे, मुझसे हाई कोर्ट ने सेकंड ओपिनियन मांगी थी। मैंने अपनी राय पहले ही एसआईटी को बता दी है।’
पुलिस विभाग की चुप्पी
एसआईटी प्रमुख के जयरामन कोलकाता में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक भी हैं, उन्होंने गुप्ता के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। अतिरिक्त डीजीपी रैंक के अधिकारी ने कहा, ‘मैं केवल इतना कह सकता हूं कि हमने अपनी रिपोर्ट अदालत में पेश कर दी है। हमें हत्या का कोई सुराग नहीं मिला।’
फरेंसिंक विशेषज्ञ ने उठाए सवाल
गुप्ता का यह दावा कि फैजान को गोली मारी गई थी, करीब दो साल से चल रही जांच की पोल खोलता है। इस मामले की सुनवाई गुरुवार को हाईकोर्ट में होनी थी, लेकिन जज को दूसरे कानूनी मामले में भेज दिया गया। जस्टिस अमृता सिन्हा सोमवार को इस मामले की सुनवाई कर सकती हैं।
पिछले साल चोटों का आया था जिक्र
पिछले साल जून में हाईकोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट में गुप्ता की देखरेख में दूसरे पोस्टमॉर्टम के बाद गोली लगने की किसी भी चोट का जिक्र नहीं है। इसमें केवल इतना कहा गया है कि फैजान की चोटें ‘मृत्यु से पहले’ और ‘हत्या की प्रकृति’ वाली थीं। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि अत्यधिक ब्लीडिंग के कारण फैजान की छाती और सिर पर असर पड़ा और उसकी मौत हुई।
रैगिंग के आरोप में छात्र और प्रफेसर हुए थे अरेस्ट
आईआईटी खड़गपुर के पांच छात्र और दो प्रोफेसर, जिन पर रैगिंग से संबंधित आरोप हैं, जमानत पर बाहर हैं। फैजान की मौत के बाद, उसके माता-पिता सलीम और रेहाना अहमद ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि उनके बेटे की हत्या की गई है। उन्होंने पुलिस और आईआईटी-खड़गपुर अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके हत्या के मामले को आत्महत्या का रूप देने का आरोप भी लगाया था। अदालत के आदेश पर, उनके शव को असम में खोदकर निकाला गया और दूसरे पोस्टमॉर्टम के लिए बंगाल लाया गया।
सौजन्य :नवभारत टाइम्स
नोट: यह समाचार मूल रूप सेnavbharattimes.indiatimes.com में प्रकाशित हुआ है|और इसका उपयोग पूरी तरह से गैर-लाभकारी/गैर-व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए विशेष रूप से मानव अधिकार के लिए किया गया था