अयोध्या छोड़िए…इसके आसपास 100-100 किलोमीटर तक नहीं जीत पाई भाजपा
Ayodhya Seat Result: लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले और आखिरी चरण की वोटिंग तक राम मंदिर मुद्दे का जिक्र बीजेपी के छोटे बड़े नेता करते नजर आए थे. लेकिन यह मुद्दा पूरी तरह से बैकफायर कर गया. बीजेपी को उसी अयोध्या में लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. यही नहीं अयोध्या के आसपास की सभी सीटें भी उसके हाथ से निकल गई|
अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर निर्माण के बाद यह पहला लोकसभा चुनाव था. लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले और आखिरी चरण की वोटिंग तक राम मंदिर की काफी चर्चा हुई. पीएम मोदी से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ सहित बीजेपी के तमाम बड़े नेता राम मंदिर मुद्दे का जिक्र करते नजर आए थे. बीजेपी के छोटे-बड़े नेता कह रहे थे, ‘जो राम को लाए हैं हम उनको लाएंगे’. राम मंदिर मुद्दे की सियासी प्रयोगशाला कहे जाने वाले यूपी में बीजेपी ने चुनावी लाभ लेने की कोशिश की, लेकिन यह मुद्दा पूरी तरह से बैकफायर कर गया. बीजेपी को उसी अयोध्या में चुनाव हार का सामना नहीं करना पड़ा, जहां राम मंदिर स्थित है बल्कि अयोध्या के आसपास की सभी सीटें हार गई.
राम की सियासत की राजधानी कही जाने वाली अयोध्या में बीजेपी को करारी हार मिली है. फैजाबाद लोकसभा सीट से बीजेपी के मौजूदा सांसद और प्रत्याशी लल्लू सिंह को सपा के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद ने हरा दिया है. अखिलेश यादव ने फैजाबाद सीट पर सियासी प्रयोग किया था. यह सामान्य सीट थी और दलित समाज से आने वाले अवधेश प्रसाद को उतारा, जहां उन्हें 554289 वोट मिले तो बीजेपी के लल्लू सिंह को 499722 मिले. इस तरह अवधेश प्रसाद ने 54567 वोट से जीत दर्ज की. यह वही फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र है, जिसे अयोध्या के नाम से भी जाना जाता है.
राम मंदिर मुद्दे का नहीं दिखा सियासी असर
अयोध्या में इस साल के शुरुआत में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कराई गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की थी. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में विपक्षी दलों के शामिल न होने को सियासी मुद्दा बना दिया गया था. कांग्रेस और सपा समेत विपक्ष के बड़े नेताओं ने जब इस कार्यक्रम से दूरी बनाई तो इसको लेकर बीजेपी की ओर से उन पर काफी हमला बोला गया था. बीजेपी ने कहा था कि सपा-कांग्रेस वाले सरकार में आए तो राम मंदिर पर बुलडोजर चलवा देंगे और रामलला को फिर से टेंट में भेज देंगे. राम मंदिर के मुद्दे को जोर-शोर से उठाने का सियासी असर उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि अयोध्या के आसपास 100-100 किलोमीटर तक बीजेपी जीत नहीं पाई.
बीजेपी अयोध्या सीट पर चुनाव हारने के साथ-साथ अयोध्या मंडल में शामिल फैजाबाद,बाराबंकी, अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर और अमेठी लोकसभा सीटें भी हार गई. इतना ही नहीं अयोध्या से सटी बस्ती, श्रावस्ती और जौनपुर सीट भी बीजेपी नहीं बचा पाई. अयोध्या में एयरपोर्ट से लेकर तमाम तरह के विकास कार्य को योगी सरकार ने कराया, लेकिन सियासी असर नहीं दिखा. प्रदेश की इस सबसे हॉट सीट अयोध्या में सियासी बाजी मारने के साथ सपा ने सभी आसपास की सीटें जीतने में सफल रही.
सिर्फ कैसरगंज-गोंडा पर जीत नसीब हुई
अयोध्या लोकसभा से सटी हुई कैसरगंज और गोंडा संसदीय सीट ही बीजेपी जीतने में सफल रही. इसके अलावा अयोध्या से लेकर बलिया तक पूरी तरह बीजेपी का सफाया हो गया. अयोध्या से लगी बाराबंकी सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी तनुज पुनिया ने बीजेपी उम्मीदवार राजरानी रावत को 215704 वोट से हराया है. इसी तरह से अयोध्या से सटी अमेठी लोकसभा सीट पर बीजेपी के केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा से करी 1 लाख 62 हजार वोटों से चुनाव हार गई. ऐसे ही अयोध्या से लगी सुल्तानपुर लोकसभा सीट सपा के राम भुआल निषाद ने बीजेपी के दिग्गज नेता मेनिका गांधी को हराने में सफल रहे.
अयोध्या सीट से लगी बस्ती लोकसभा सीट को सपा अपने सियासी इतिहास में पहली बार जीतने में सफल रही. बीजेपी के लिए यह सीट मजबूत मानी जाती थी, जहां से हरीश द्विवेदी को सपा के राम प्रसाद चौधरी ने हराया है. इसी अयोध्या से लगी एक और सीट अंबेडकरनगर, जिसमें अयोध्या जिले की गोसाईंगंज सीट भी आती है, जहां से सपा के विधायक अभय सिंह बीजेपी के साथ खड़े थे. इसके अलावा जलालाबाद से सपा के विधायक राकेश पांडेय भी बागी हो गए थे. इसके बावजूद सपा के प्रत्याशी लालजी वर्मा ने अंबेडकरनगर सीट से बीजेपी के रितेश पांडेय को हराने में सफल रहे. अयोध्या जिले से लगी लोकसभा सीटों से सटे हुए पूर्वांचल की बाकी क्षेत्रों में बीजेपी को करारी मात खानी पड़ी है|
सौजन्य :टीवी 9
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