चैयतभूमि दलित पैंथर’ संघर्ष की यादें ताज़ा करें
मुंबई समाचार: दत पैंथर संगठन की वर्षगांठ समारोह के अवसर पर बुधवार को चैयभूमी में अशोक सतंभ के पा स ‘द त यूथ पैंथर’ संगठन एक सार्वजनि क बैठक का आयोजन किया गया । पैंथर्स की युद्ध में उनके योगदान के उहें ‘पैंथर पुरकार’ से सम्मानित किया गया था ।
मुंबई – दलित पैंथर संगठन केवार्षिक उत्सव के अवसर अवसर पर बुधवा र को चैयभू त अशोक सतंभ के पा स ‘दलित यूथ पैंथर’ संगठन की ओर से एक सार्वजनिक सभा का आयोजन किया गया . पैंथर्स की युद्ध में उनके योगदान के उहें ‘पैंथर पुरकार’ से सम्मानित किया गया था। इस बैठक के अवसर पर पुराने पैंथर कार्यकर्ता द्वारा दलित पैंथर संघर्ष की कड़वी और सुनहरी यादों को एक बार फिर से उजागर किया गया ।
बुधवा र 29 मई को द त पैंथर की 44वीं वर्षगां ठ के अवसर पर ‘दलित यूथ पैंथर’ के अय नी लेश मो ते की अयता में चैयभू में एक सार्वजनिक बैठक आयोजि त की गई। बैठक का संचालन धमू आगरकर ने किया । दलित पैंथर के संचालक व लेखक जे. वी .पवार, प क लीडर अर्जुन डां गले, पैंथर लीडर सुरेश केदा रेने मार्गदर्शन या । मुय अ के प में सुमेध जा धव, दीपक पवार, बबन सरवड़े उप त थे। ल उ एटर रा प्रतुत शार संदेश उमप, शा र चंद्रकांत दे, अन भावने, नोद धर ने बु, भीम, पैंथर गीतों का सुंदर कार्यक्रम प्रतुत या । छात्र नेता राल सोनले को इस वर्ष के पैंथर पुरकार से समानित किया गया । इस अवसर पर रतदानर, शुकवाय जांच र एवं यों को कूली सामग्री त त की गयी । इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अंबेकारी कार्यकर्ता शामिल हुये |
– 1970 के दशक में दलि तों पर सांप्रदायिक हमले और जातिवाद को लेकर गुसे में घर जलाने की घटनाएं चरम सीमा पर पहुच गई । दलितों का गां व में रहना असंभव हो गया . उसी समय, महा रा के त युवा ने द त पैंथर्स नामक एक आक्रामक संगठन शु या और सांप्रदा क हमलों के खिलाफ विद्रोह किया । इस विद्रोह से दलितों पर हमले बंद हो गये और द त पैंथर आदो लन सर्वत्र प्रभावी हो गया ।
सौजन्य :लोकमत
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