दलित अत्याचार मामलों पर गंभीरता से कार्रवाई करे सरकार : राज महे
हिमांचल ऊना। जिले के संतोषगढ़ में दलित अत्याचार मामलों व दलित मानवाधिकारों को लेकर बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान एंव राष्ट्रीय दलित न्याय आंदोलन के प्रदेश महासचिव राज महे ने बताया कि इस बैठक में जिला से 15 दलित अत्याचार मामलों को चर्चा की गई। इन 15 मामलों में ज़मीन विवाद को लेकर, बलात्कार, जातिय शोषण, पानी की समस्या और घरेलू हिंसा के मामले शामिल किए गए।
बैठक में अधिवक्ता कुलविंदर बैंस और अधिवक्ता संदीप पहेश कानूनी सलाहकार के रूप में मौजूद रहे। बैठक में चर्चा की गई कि देश के अन्य राज्यों की तरह हिमाचल में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम एक्ट का लागू होना संतोषजनक नहीं है। आज भी दलित समाज के लोगों को अपनी शिकायत की प्राथमिकी दर्ज करने के लिए थाना में बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। अगर मामला दर्ज हो भी जाता है तो प्राथमिकी में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम एक्ट को नहीं जोड़ा जाता है।
इस मौके पर आरक्षण को लेकर भी चर्चा की गई। इस दौरान मांग उठाई गई कि सरकार को प्रशासनिक एवं पुलिस आधिकारियों को दलित समाज के साथ हो रहे अत्याचार व भेदभाव को खत्म करने के लिए अनुसूचित जाति एंव अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम एक्ट को संपूर्ण रूप से लागू करने के निर्देश दिए जाएं। इस दौरान राजप्रीत, रणदीप सरकार, विनय कुमार, राम आसरा, अनुराधा, दीपिका, पायल, पूजा, वचन चंद, रोनित, सैलेश, अनिरुद्ध, विकास, अंकुश, युवराज व अन्य सदस्य मौजूद रहे।
सौजन्य :अमर उजाला
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