सफाई के लिए कुएं में उतरे चाचा की मौत, भतीजा बाल- बाल बचा
कुएं की सफाई करने उतरे चाचा जहरीले गैस की चपेट में आकर बेहोश हो गया। सफाई कार्य में साथ दे रहे भतीजे ने शोर मचाया, तो आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। मौके पर पहुंची रजगामार पुलिस ने लोगों की मदद से दोनों को किसी तरह बाहर निकाला। तब तक चाचा की मौत हो चुकी थी। भतीजे को जहरीले गैस का असर कम हुआ,
नईदुनिया प्रतिनिधि, कोरबा : कुएं की सफाई करने उतरे चाचा जहरीले गैस की चपेट में आकर बेहोश हो गया। सफाई कार्य में साथ दे रहे भतीजे ने शोर मचाया, तो आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। मौके पर पहुंची रजगामार पुलिस ने लोगों की मदद से दोनों को किसी तरह बाहर निकाला। तब तक चाचा की मौत हो चुकी थी। भतीजे को जहरीले गैस का असर कम हुआ, इसलिए उसकी स्थिति सामान्य रही।
जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर बालको थाना की रजगामार पुलिस चौकी अंतर्गत ग्राम बुंदेली के दहियान भाठा में रविवार को सुबह यह घटना हुई। यहां सगे भाई तीजराम व जोतराम मंझवार निवासरत हैं। दोनों खेती- किसानी व मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे हैं। उनकी बाड़ी में एक कुआं है। बताया जा रहा है कि काफी दिनों से सफाई नहीं होने की वजह से कुआं काफी गंदा हो गया था। इसलिए दोनों भाई ने कुआं की सफाई के लिए पड़ोस में रहने वाले साहेब लाल 32 वर्ष तथा जगतराम मंझवार 36 वर्ष को सफाई करने कहा था। जगतराम व साहेब आपस में चाचा- भतीजा हैं और इस कुआं का पानी समय- समय पर उपयोग करते थे। इसलिए दोनों कुआं की सफाई के लिए तैयार हो गए।
सुबह नौ बजे करीब रस्सी के सहारे जगत राम कुएं में पहले उतरा, उसके पीछे- पीछे साहेब लाल भी नीचे उतर गया। दोनों ने कुआं में भरे कीचड़ को बाल्टी में भर कर रस्सी के सहारे बाहर निकाल रहे थे। इस बीच लगभग 9.30 बजे जगतराम बेहोश होकर गिर पड़ा। साहेब लाल ने उसे उठाने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सका तो उसने इसकी जानकारी ऊपर उपस्थित लोगों को दी। बाद में तीजराम ने घटना की जानकारी रजगामार पुलिस को दी। थाना से उपनिरीक्षक महासिंह ध्रुव, सहायक उपनिरीक्षक राकेश सिंह, हवलदार विनोद कुमार व आरक्षक अजय महिलांगे घटनास्थल पहुंचे और जगतराम का शव रस्सी के सहारे किसी तरह बाहर निकलवाया और वैधानिक कार्रवाई के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टया मामला जहरीली गैस रिसाव का लग रहा है। संभवत: कीचड़ निकलने के बाद कुआं में पानी का स्त्रोत खुला होगा, तब गैस का रिसाव हुआ और उसकी चपेट में आने से जगतराम की मौत हो गई। बहरहाल वैधानिक कार्रवाई के बाद शव पोस्टमार्टम करा अंतिम संस्कार के लिए स्वजनों को सौंप दिया गया है। पीएम रिपोर्ट मिलने व बयान के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।
पहले पंप से पानी निकाल कुआं सुखाया
कुआं की सफाई करने के पहले तीजराम व जोतराम ने सुबह आठ बजे कुआं में पंप लगा कर पहले पानी निकाली। लगभग एक घंटे तक पानी निकालने का काम चलता रहा। जब कुआं पूरी तरह खाली हो गया। तब एक के बाद एक करके जगतराम व साहेबलाल कुआं में सफाई करने उतरे। पानी साफ होने के बाद कुआं में काफी कीचड़ था, जिसे बाल्टी में भर कर दोनों ने रस्सी के सहारे बाहर निकाल कर फेंका। इसके बाद यह घटना हुई। पुलिस ने बताया कि जब कुआं का निरीक्षण किया गया, उस वक्त लगभग डेढ़ पानी भर चुका था।
पत्नी व तीन बच्चे हुए बेसहारा
लगभग 30 फीट गहरे कुआं में जगतराम पिता स्व पंचराम सबसे पहले उतरा। उसके बाद साहेब लाल नीचे आया। दोनों रोजी- मजदूरी कर अपना व अपने परिवार का जीवन यापन करते हैं। जगत राम की पत्नी बासमति 32 वर्ष के अलावा तीन छोटे बच्चे बेटी रिया 15 वर्ष कक्षा नवमी, बेटा आर्यन 13 वर्ष कक्षा सातवीं व आयुष 11 वर्ष कक्षा पांचवीं में हैं। घटना में जगत राम की मौत होने से बच्चों सिर से पिता का साया उठ गया और पत्नी समेत बच्चे बेसहारा हो गए। घटना को लेकर परिवार में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
कैसे बनता है गैस, ऐसे करें समाप्त
सूखे और गहरे कुओं में धीरे धीरे कचरा जमा होता रहता है। नमी होने पर मार्स गैस (मीथेन) बन जाती है। ये गैस बहुत जहरीली और जानलेवा होती है। कुएं में छह से सात फिट तक इसकी लेयर बनती है। गैस की चपेट में आते ही इंसान बचाव के लिए भी नहीं बोल पाता। चार से पांच किलो बुझा हुआ चुना डालने से मीथेन गैस समाप्त हो जाती है। इसके अलावा 400 से 500 लीटर पानी डालने से भी मीथेन गैस वातावरण में घुल जाती है।
– कैसे पाता लगाएं गैस का
0 आक की ताजा टहनी रस्सी के सहारे कुएं में लटकाएं, यदि मीथेन गैस होगी तो आंक के पत्ते तुरंत मुरझा जाएंगे।
0 नीम की पत्तियां भी संवेदन शील होती हैं ,वो भी इस गैस की चपेट आते ही झुलस जाती हैं।
0 जलती हुई लालटेन रस्सी के सहारे कुएं में लटकाएं ,यदि मीथेन गैस होगी तो लालटेन तुरंत बुझ जाएगी।
सौजन्य :नई दुनिया
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