न्यूजक्लिक के संपादक को बड़ी राहत, रिहाई का आदेश देकर बोला सुप्रीम कोर्ट- अवैध तरीके से की गई गिरफ्तारी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्यूजक्लिक के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी और रिमांड अमान्य है क्योंकि रिमांड से पहले उन्हें या वकील को गिरफ्तारी के आधार नहीं बताए गए थे।
न्यूजक्लिक के संपादक प्रवीर पुरकायस्थ को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उनकी तत्काल रिहाई का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी के पीछे के आरोप निराधार हैं। पिछले साल 3 अक्टूबर को प्रबीर को चीन की ओर से प्रोपेगेंडा फैलाने के आरोप में यूएपीए धारा के तहत गिरफ्तार किया गया था।
जस्टिस गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने कहा कि पुरकायस्थ की गिरफ्तारी और उसके बाद की रिमांड अमान्य है। बेंच ने कहा कि रिमांड से पहले उन्हें उनके वकील को गिरफ्तारी का आधार नहीं बताया गया था। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने मामले में चार्जशीट दायर की है तो सुप्रीम कोर्ट ने ट्रा यल कोर्ट द्वारा तय की जाने वाली शर्तों पर प्रबीर पुरकायस्थ को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।
प्रबीर पुरकायस्थ के वकील ने क्या बताया न्यूजक्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक को रिहा करने के शीर्ष अदालत के आदेश पर बात करते हुए वकीलअर्शदीपखुराना ने बताया कि उन्हें ट्रा यल कोर्ट के सामने जमानत बांड देने कानिर्देश दिया गया है। खुराना ने कहा कि यह एक बड़ी राहत मिली है। हम तो शुरू से ही कहते रहे हैं कि उनके खिलाफ पुलिस के द्वारा की गई कार्रवाई पूरी तरह से अवैध थी और गिरफ्तारी का तरीका भी अवैध था। इसको अब सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है।
सौजन्य :जनसत्ता
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