AstraZeneca वैक्सीन के खिलाफ महिला ने दायर किया मुकदमा, कहा, वैक्सीन ने बना दिया अपंग; जानें पूरा मामला
वैक्सीन के खिलाफ एक और महिला ने मुकदमा दायर कर दिया है। महिला का कहना है कि क्लीनिकल ट्रायल के दौरान दी गई वैक्सीन ने उन्हें पूरी तरह से ‘डिसेबल’ या अक्षम बना दिया है। अब उनका शरीर पहले की तरह काम नहीं कर रहा है। उन्होंने कंपनी पर मेडिकल केयर मुहैया नहीं कराने के आरोप लगाए हैं। खास बात है कि ब्रिटेन में पहले ही 50 से ज्यादा लोग AstraZeneca के खिलाफ मुकदमा कर चुके हैं।
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, 42 वर्षीय ब्राए ड्रेसेन अमेरिका में हुए Astrazeneca कोविड वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल में शामिल हुईं थीं। अखबार से बातचीत में उन्होंने बताया कि 2020 में ट्रायल मं शामिल होने के बाद उन्हें गंभीर न्यूरोलॉजिकल परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खास बात है कि अमेरिका में ब्रिटेन की इस वैक्सीन का ट्रायल तो हुआ था, लेकिन इस्तेमाल के लिए मंजूरी नहीं मिली थी।
ड्रेसेन का दावा है कि उन्होंने कंपनी के साथ एग्रीमेंट किया था, जिसमें वादा किया गया था कि रिसर्च के चलते चोटों के इलाज के लिए भुगतान कंपनी करेगी। बशर्ते लागत उचित हों और चोट खुद की वजह से न लगी हो।
पूरे शरीर में होता था दर्द
अखबार के अनुसार, महिला का कहना है कि नवंबर 2020 में वैक्सीन लेने के बाद उनके पूरे शरीर में चुभन महसूस होने लगी। इसके बाद भी AstraZeneca ने उनके इलाज में आए खर्च का भुगतान नहीं किया। उन्होंने अखबार को बताया कि पेरिफेरल न्यूरोपैथी से पीड़ित होने के बाद वह काम नहीं कर पा रही थीं। ऐसा उन्होंने हर समय महसूस होता था।
ड्रेसेन ने कहा, ‘इसकी वजह से नौकरी चली गई और अभी तक अक्षम हूं।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे अब भी मेरे शरीर में सिर से लेकर पैर तक 24 घंटे, सातों दिन पूरे शरीर में सुई और चुभन का बुरा सपना आता है।’ रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि वैक्सीन लेने के बाद वह कई बार अस्पताल में भर्ती हुईं, जिसके चलते बिल हजारों डॉलर तक पहुंच गया।
ड्रेसेन ने यह भी बताया कि उन्होंने एक छोटे से भुगतान से भी इनकार कर दिया था, जिसका असर उनके मुकदमे पर हो सकता था। यूटा के एक कोर्ट में दाखिल उनकी शिकायत में कहा है कि महिला काम नहीं कर सकती, किसी खेल में भाग नहीं ले सकती, पहले की तरह बच्चों की परवरिश नहीं कर सकती और कुछ दूरी से ज्यादा वाहन भी नहीं चला सकती।
रिपोर्ट के मुताबिक, महिला किसी निश्चित रकम के लिए कंपनी के खिलाफ मुकदमा दाखिल नहीं कर रही हैं। इस दौरान उन्होंने हजारो डॉलर खर्च किए हैं और वह भावनात्मक स्तर पर हुई परेशानी, आय खत्म होने, ट्रांसपोर्टेशन और कानूनी फीस का दावा कर रही हैं। महिला पेशे से शिक्षक थीं और उनके दो बच्चे भी हैं।
सौजन्य :राईट न्यूज़ इंडिया
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