दलित व्यक्ति के मुंह पर पेशाब करने वाले को बचाने उतरे कई लोग, सोशल मीडिया पर भीम आर्मी के प्रदेशाध्यक्ष को किया जा रहा बदनाम
हिमाचल में जातिवाद इस कदर हावी है कि यहां अपराधी की जाति देखकर कुछ लोग पुलिस द्वारा की कार्यवाही पर उंगली उठाने लगे है। अपराध कितना घिनौना है यह बात मायने नहीं रखती, बल्कि उसकी जाति क्या है यह बात ज्यादा मायने रखने लगी है। अपराध में शामिल आरोपियों के समर्थन में कई लोग सरेआम आवाज उठाने से भी पीछे नहीं हट रहे। लोगों के यह कृत्य भारतीय संविधान और कानून के लिए एक बड़ा खतरा बनते जा रहे है।
ऐसा ही मामला हिमाचल से सामने आया है, जहां पिछले दिनों कुछ लोगों ने एक दलित व्यक्ति को अपने घर ले जाकर मारा-पीटा, गर्दन पर तलवार रहा कर मुंह पर पेशाब किया और जिंदा जलाने के कोशिश की(दैनिक भास्कर रिपोर्ट)। जब यह मामला मीडिया में उठा तो भीम आर्मी के प्रदेशाध्यक्ष रवि कुमार दलित पीड़ित के पक्ष में खड़े हुए और पुलिस ने कार्यवाही करते हुए एससी एसटी एक्ट में एफआईआर दर्ज की। मामले में एक आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया। अब उस एक आरोपी को बचाने के लिए कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर मुहिम शुरू कर दी है। सरेआम पुलिस कार्यवाही पर सवाल उठाए जा रहे हैं, रवि कुमार दलित को बदनाम किया जा रहा है और आरोपी को बचाने की मुहिम चलाई जा रही है।
यह कानून विरोधी लोग लोगों को भड़काकर पुलिस के खिलाफ आंदोलन के लिए तैयार कर रहे है। जोकि आने वाले समय में शिमला पुलिस के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं। अब इन लोगों ने पीड़ित का साथ देने वाले भीम आर्मी के प्रदेशाध्यक्ष रवि कुमार को बदनाम करना शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया पर बाकायदा मुहिम चलाई जा रही है। दनादन पोस्टें की जा रही है जिनमें एससी एसटी के नेता रवि कुमार दलित को गिरफ्तारी के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है और आरोपी के फोटो अपलोड कर उसका गुणगान किया जा रहा है। मामले में साफ दिखाया है कि आरोपी विरोधियों की जाति से संबंध रखता है और उसके द्वारा जघन्य अपराध करने के बाबजूद उसको बचाने के लिए जाति आधारित मुहिम शुरू की गई है।
यहां सबसे बड़ी समस्या यह है कि पुलिस कानूनी प्रक्रिया का विरोध कर रहे इन लोगों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा रही। जबकि मामला अभी विचाराधीन है। बड़ा सवाल यह है कि कानूनी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए इस तरह की मुहिम चलाना कहां तक जायज है? एससी एसटी एक्ट के मुताबिक एक एससी एसटी के सम्माननीय नेता का अपमान करना और बदनाम करना अपराध है और पुलिस का विरोध करने वालों के प्रति पुलिस का व्यवहार हिमाचल में कानून व्यवस्था को स्थिति पर सवाल खड़े कर रहा है।
सौजन्य :राईट न्यूज़ इंडिया
नोट: यह समाचार मूल रूप से rightnewsindia.com में प्रकाशित हुआ है|और इसका उपयोग पूरी तरह से गैर-लाभकारी/गैर-व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए विशेष रूप से मानव अधिकार के लिए किया गया था।