BYST और DICCI ने 5000 दलित युवाओं को Job Creator बनाने के लिए किया समझौता, 20% महिलाएं होंगी शामिल
भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट (BYST) और दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (DICCI) ने 5000 दलित उद्यमियों को जॉब क्रिएटर बनाने के लिए आज नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया. इन लक्षित उद्यमियों में से 20% दलित महिलाएं होंगी. इस साझेदारी के माध्यम से, BYST और DICCI 1000 दलित युवा उद्यमियों को परामर्श देंगे. इन युवाओं को उद्यमिता, बैंकिंग के तरीकों, ग्राहक के साथ संबंध, बुक कीपिंग, परियोजना की तैयारी और बिक्री से जुड़े सॉफ्ट स्किल आदि की बुनियादी अवधारणाओं पर बीवायएसटी के मेंटर और मेंटर क्लीनिकों के नेटवर्क के जरिए परामर्श दिया जाएगा|
यह नि:शुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम (एंट्रेप्रेन्योर ऑनलाइन लर्निंग-ईओएल) 2-3 दिन तक चलेगा और यह कार्यक्रम उन्हें अपने आईडिया को बेहतर बनाने और ठोस व्यावसायिक योजनाओं में बदलने में मदद करेगा. बीवायएसटी और डीआईसीसीआई आसानी से स्थापना और व्यवसाय चलाने की सुविधा के लिए प्रति व्यक्ति औसतन 4 लाख के ऋण के साथ 250 दलित युवाओं को क्रेडिट लिंकेज और सलाह सहायता भी प्रदान करेंगे. क्रेडिट तक पहुंच बीवाईएसटी के संस्थागत ऋण भागीदारों जैसे बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी), इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी), इंडियन बैंक, आईडीबीआई, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से प्रदान की जाएगी|
BYST की संस्थापक ने कही ये बातें
भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट की संस्थापक एवं मैनेजिंग ट्रस्टी, सुश्री लक्ष्मी वेंकटरमण वेंकटेशन ने कहा, “दलित समुदाय को अभी भी भेदभाव के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और उन्हें उच्च वेतन वाली नौकरियों तथा व्यावसायिक अवसरों की तलाश में बाधा आती है. पूंजी, संसाधनों तक सीमित पहुंच और परामर्श समर्थन जैसी मुश्किलें बनी रहती हैं, जो उनकी सफलता में बाधा डालती हैं. बैंकिंग और कॉर्पोरेट माहौल में जाति-आधारित भेदभाव स्पष्ट है, जिससे अवसरों तक न्यायसंगत पहुंच को सुविधाजनक बनाना और भी महत्वपूर्ण बन जाता है. समावेशी अर्थव्यवस्था के पोषण के लिए जातिगत पूर्वग्रहों का उन्मूलन महत्वपूर्ण है. मैंने अपने पिता, माननीय पूर्व राष्ट्रपति श्री आर वेंकटरमन से डॉ. अम्बेडकर का कथन सुना था, “यदि आप सम्मानजनक जीवन जीने में विश्वास करते हैं, तो आप स्व-सहायता में विश्वास करते हैं जो अपने-आप में सबसे अच्छी मदद है. यह कथन मुझे बेहद पसंद आया”
विकसित भारत @2047 के दृष्टिकोण पर काम कर रहा DICCI
डीआईसीसीआई के संस्थापक अध्यक्ष, पद्मश्री डॉ. मिलिंद कांबले ने कहा कि डीआईसीसीआई विकसित भारत @2047 के दृष्टिकोण पर काम कर रहा है, जिसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के सशक्तिकरण के लिए उनके सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक सशक्तिकरण को शामिल किया गया है. बड़े और छोटे दोनों किस्म के प्रतिस्पर्धी विनिर्माण उद्यमों की स्थापना तथा इन्हें बनाए रखने और शेष विश्व के लिए मेक इन इंडिया के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए ज़रूरी है कि दलित उद्यमियों को समर्थन दिया जाये, मज़बूती प्रदान की जाए और सशक्त बनाया जाए और बीवाईएसटी के साथ यह साझेदारी वहनीय समावेशी विकास के लिए अनुसूचित जाति उद्यमिता की महत्वपूर्ण क्षमता का उपयोग कर आर्थिक विकास को गति दे सकती है|
5 शहरों में बिजनेस फैसिलिटेशन सेंटर
बता दें कि डीआईसीसीआई इच्छुक और मौजूदा अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति उद्यमियों की पहचान करने के लिए 5 स्थानों पुणे, दिल्ली, हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई, भोपाल जयपुर में बिजनेस फैसिलिटेशन सेंटर का सेटअप की है.
सौजन्य :एमएसएन
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