बैरवा समाज ने किया बीजेपी का बहिष्कार:दलित टीचर दुल्हन की बिंदौरी गांव से नहीं निकलने देने से नाराज पंचों ने लिया फैसला
टोंक : टोंक जिले के दूनी थाना क्षेत्र में नया गांव ढ़गारिया में टीचर दुल्हन की शादी में व्यवधान डालने से नाखुश बैरवा समाज के पंच पटेलों ने एकराय होकर बीजेपी को मतदान नहीं करने का निर्णय लिया है। यह फैसला मंगलवार रात को दूल्हे की पुलिस सुरक्षा में बिंदौरी (निकासी) निकलने के बाद लिया है।
मंगलवार को थाना क्षेत्र की चांदसिंहपुरा पंचायत के ढिगारिया गांव के एक दलित टीचर की शादी थी। उसकी सोमवार रात को बिंदौरी निकलनी थी। आरोप है कि बिंदौरी निकलने से पहले गांव में एक समाज के कई लोगों ने एकराय होकर रास्ते में काफी पत्थर और खंभा डाल रास्ता रोक दिया।
साथ ही आरोपियों ने पीड़ित परिवार को चेतावनी दी कि गांव में बिंदौरी निकाली तो जान से मार देंगे। सोमवार रात को दुल्हन की बिंदौरी नहीं निकल पाई। मंगलवार को पीड़ित परिवार के लोगों ने देवली SDM को ज्ञापन देकर जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई।
दूनी थाना में आरोपियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दी गई। आरोप है कि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। लोगों ने क्षेत्रीय विधायक हरीश चंद्र मीना को अवगत कराया। उन्होंने इस मामले को लेकर डीजीपी बात की और उचित कार्रवाई करने की बात कही।
मंगलवार शाम को देवली, दूनी, घाड़ थानों का पुलिस जाप्ता और टोंक से अतिरिक्त पुलिस जाप्ता भेजा गया। इसके बाद पुलिस पहरे में दूल्हे की ससुराल में बिंदौरी निकली। देवली उनियारा MLA भी मौके पर आ गए । इस दौरान उन्होंने दूल्हा- दुल्हन को आशीर्वाद दिया और लोगों से पूरा मामला जाना। इस बीच पीड़ित परिवार, गांव वाले, बाराती और शादी में शामिल हुए बैरवा समाज के सैकड़ों लोगों की बैठक हुई। उसमें सबने यह एकराय बीजेपी प्रत्याशी का लोकसभा में ही नहीं आने वाले किसी भी चुनावों में बीजेपी को वोट नहीं देंगे।
उधर बैरवा विकास समिति मांडकला के महामंत्री
राजाराम लालावत ने बताया कि पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करने से उनके होंसले बुलंद है। दुल्हन पक्ष की ओर से दूनी थाने में रिपोर्ट कल ही दे दी है, लेकिन अभी किसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई है। कानून की धज्जियां उड़ाने वाले के खिलाफ अभी तो पुलिस ने मामला भी दर्ज नहीं किया है। कार्रवाई के नाम पर महज तीन लोगों को पकड़ा है। समाज के पंच पटेलों का कहना है कि आरोपी एक ही समाज के हैं, बीजेपी प्रत्याशी भी उसी समाज का है। उसकी शह पर ही लोगों ने कानून के खिलाफ जाकर दुल्हन की बिन्दौरी नहीं निकलने दी। इस घटना पर सांसद भी कुछ नहीं बोले। दूनी थाना क्षेत्र के ढिगारिया गांव निवासी प्रियंका बैरवा और दूल्हा बोसरिया निवासी शुभम जोनवाल सरकारी टीचर हैं। दोनों के पिता भी टीचर हैं।
आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई हो:
दुल्हन के पिता रामस्वरूप बैरवा, चाचा प्रधान बैरवा ने बताया कि पुलिस सुरक्षा में शादी तो हो गई, लेकिन अभी आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई है। इस मामले में थानाधिकारी से बात की उनका कहना था कि कल ही तीन जनों को पकड़ लिया था। वे जमानत पर छोड़ दिए गए है। लेकिन इस मामले में उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए। ताकि मेरी बेटी की तरह की किसी की बेटी की शादी में इस तरह का व्यवधान नहीं हो।
सौजन्य :जनमानस शेखावाटी
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