सियासी लाभ के लिए इतिहास से छेड़छाड़ ठीक नहीं, सुभाष चंद्र बोस के पोते की कंगना रनौत को नसीहत
नेता जी सुभाष चंद्र बोस के पोतेचंद्र कुमार बोस ने कंगना रनौत को नसीहत दी है। चंद्र कुमार बोस ने कंगना के उस दावे की आलोचना की हैजिसमेंभाजपा प्रत्याशी नेकहा था कि सुभाष चंद्र बोस भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। चंद्र कुमार बोस नेकहा कि किसी को भी अपने राजनीतिक लाभ के लिए इतिहास को तोड़ना मरोड़ना नहीं चाहिए। मेरी कंगना सेअपील हैकि उनको नेताजी सुभाष चंद्र बोस की लिखी गई पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए।
दरअसल, हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार कंगना रनौत नेएक कार्यक्रम में कहा था कि पहले मुझे यह बात क्लियर करने दीजिए। जब हमेंआजादी मिली तो भारत के पहले प्रधानमंत्री सुभाष चंद्र बोस, वो कहां गए थे? इस बयान को लेकर वह आलोचकों के निशानेपर भी आ गई थीं। हिंदुस्तान टाइम्स के साथ एक विशेष बातचीत मेंचंद्र कुमार बोस ने कंगना रनौत को नसीहत दी कि उन्हें (कंगना रनौत) अपने राजनीतिक लाभ के लिए या अपनेपार्टी नेतृत्व को खुश करनेके लिए इतिहास को विकृत नहीं करना चाहिए। जहां तक नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर उनके बयान का सवाल है, तो यह अधूरा है। नेताजी निश्चित रूप सेराष्ट्र प्रमुख, अखंड, अविभाजित भारत के प्रधानमंत्री थे। मैंयहां बता दूं कि महत्वपूर्णकारक एकजुट और अविभाजित भारत है, जिसका जिक्र करने से वह चूक गईं। चंद्र कुमार बोस नेकहा- नेताजी अविभाजित और अखंड भारत के अंतिम प्रधानमंत्री भी थे। आपको नेताजी के जीवन और समय, उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों का अध्ययन करनेकी जरूरत है। मैंन केवल कंगना सेवरन उन सभी लोगों से, जो नेताजी में रुचि रखतेहैं, अनुरोध करूंगा कि वेभारत की उनकी अवधारणा, विचारधारा और देश के लिए उनके नजरियेको समझनेके लिए उनके लेखों का अध्ययन करें। चंद्र कुमार बोस 2016 मेंपश्चिम बंगाल में भाजपा के उपाध्यक्ष थे। उन्होंने पिछलेसाल पार्टी छोड़ दी थी।
चंद्र कुमार बोस नेकहा कि किसी को भी अपनेया पार्टी या राजनीतिक आकाओं के राजनीतिक लाभ के लिए इतिहास को विकृत नहीं करना चाहिए। मेरा मानना हैकि स्वतंत्रता आंदोलन 1857 मेंमंगल पांडे के विद्रोह के साथ शुरू हुआ था। शहीद भगत सिंह, राजगुरुगु, खुदीराम बोस जैसेकई लोग थेजिन्होंनेदेश की आजादी के लिए अपना बलिदान दिया। महात्मा गांधी का अहिंसक आंदोलन भी था, जिसका अपना प्रभाव भी था। पंडित जवाहरलाल नेहरू निश्चित रूप से विभाजित भारत के पहले प्रधानमंत्री थे।
सौजन्य :लाइव हिंदुस्तान
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