सिमरादोहर दलित मुहल्ला की जलमीनार 3 महीने से खराब, खर-पतवार से भरे कुएं का पानी पी रहे लोग
बरही प्रखंड के दुलमाहा पंचायत के बुढीडीह गांव के सिमरादोहर दलित मुहल्ला में लगी जलमीनार लगभग तीन माह से खराब पड़ी है। इसके कारण ग्रामीणों को इस भीषण गर्मी में पानी का पानी का भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। इस दलित मुहल्ला में पीने का पानी का एक मात्र सहारा जलमीनार ही थी। वह भी खराब पड़ी है।
इस मुहल्ले में एक भी सरकारी चापानल नहीं है और न ही किसी व्यक्ति विशेष का अपना है। सभी ग्रामीण वर्षों पहले बना खर-पतवार से भरे कुएं के गंदे पानी पीने को मजबूर है। इस गंभीर समस्या के प्रति स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि गंभीर नहीं दिख रहे हैं। न अब तक मुखिया ने सुध ली है और न ही अन्य जनप्रतिनिधि ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की है। इसके कारण पंचायत प्रतिनिधियों के प्रति गहरा असंतोष एवं रोष है।
ग्रामीणों ने बताया कि राजदेव भुइयां घर के पास 14वें वित्त से जलमीनार लगाई गई थी। यह तीन माह से खराब पड़ी है। साथ ही चापानल भी खराब है। इससे ग्रामीण पीने के पानी के लिए परेशान हैं। ग्रामीणों ने बताया कि जलमीनार की मरम्मत कई बार ग्रामीण अपने निजी खर्च से करा चुके हैं। इधर खराब पड़ी जलमीनार को ठीक कराने में किसी अधिकारी व पंचायत प्रतिनिधि की दिलचस्पी नहीं दिख रही है।
बताया जाता है कि लगाई गई सोलर जलमीनार की लागत राशि लगभग चार लाख रुपये है। ग्रामीणों ने बताया कि इस दलित मुहल्ला में लगभग 30 परिवार निवास करते हैं और उक्त स्थान पर पीने के पानी का एकमात्र साधन यही सोलर जलमीनार है। जल मीनार खराब होने से लोगों को पीने का पानी का भारी परेशानी हो रही है। इस संबंध में स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि हम दलित परिवारों की परेशानी को कोई जनप्रतिनिधि देखने वाला नहीं है और न ही हमारी फरियाद सुनने वाला है।
ग्रामीण इस जलमीनार को तुरंत बनाने की मांग की। साथ ही कहा कि जब तक जलमीनार ठीक नहीं हो जाता, तब तक दलित बस्ती को पानी टैंकर से पेयजल आपूर्ति की जाए। इसी पंचायत के समाजसेवी कमल शंकर पंडित ने बताया कि इस दलित बस्ती के विकास के लिए कोई जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दे रहे हैं। स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों को टैंकर से तत्काल पेयजल की व्यवस्था करनी चाहिए।
सौजन्य: दैनिक भास्कर
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