Sehore News: दलितों को मंदिर में नहीं दिया जाता प्रवेश, शादी विवाह में आती है परेशानी
Sehore News: गांव में राम भगवान का एकमात्र मंदिर है और उस मंदिर में हमें प्रवेश नहीं दिया जाता है जिस वजह से शादी विवाह के समय हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वोट मांगने तो सभी नेता आ जाते हैं, लेकिन समस्या से निजात दिलाने कोई नेता नहीं आता।
आजादी के बाद भी मध्य प्रदेश में छुआछूत बरकरार है
राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा की इछावर विधानसभा का मामला
लगभग 150 दलित परिवार है निवासरत
अक्षय शर्मा, इछावर। मध्य प्रदेश में अभी भी दलितों के साथ हो रहे अत्याचार के मामले आए दिन प्रकाश में आते है। ताजा मामला मध्य प्रदेश के राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा की इछावर विधानसभा के ग्राम खेरी से आया है, जहां दलित समाज के लोगों द्वारा उनका राम मंदिर में प्रवेश वर्जित बताया गया है।
मध्य प्रदेश में अभी भी दलितों के साथ हो रहे अत्याचार के मामले आए दिन प्रकाश में आते है। ताजा मामला मध्य प्रदेश के राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा की इछावर विधानसभा के ग्राम खेरी से आया है, जहां दलित समाज के लोगों द्वारा उनका राम मंदिर में प्रवेश वर्जित बताया गया है।
ग्राम खेरी के दलितों का आरोप है कि हमें राम मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाता है और मंदिर के बाहर से ही हमारे नारियल-प्रसाद को ले लिया जाता है और हमें मंदिर में प्रवेश करने नहीं दिया जाता है। न ही हमसे धार्मिक आयोजनों में किसी प्रकार का चंदा लिया जाता है और न ही हमें बुलाया जाता है। ग्रामीण रेशम बाई, चैन सिंह, महेंद्र कालवे, देव बाई बताती है कि आजादी के बाद से अभी तक हमें मंदिर में प्रवेश नहीं दिया गया है। बच्चे भी मंदिर जाते हैं तो गांव के दबंग पहले ही उनसे उनका नाम पता पूछ लेते हैं और उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाता है।शादी विवाह में आती है परेशानीअपेक्षित ग्रामीणों का आरोप है कि मंदिर में प्रवेश न दिए जाने से उन्हें शादी ब्याह की पूजन पाठ में काफी परेशानी आती है। क्योंकि गांव में राम भगवान का एकमात्र मंदिर है और उस मंदिर में हमें प्रवेश नहीं दिया जाता है जिस वजह से शादी विवाह के समय हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
वोट मांगने तो सभी नेता आ जाते हैं, लेकिन समस्या से निजात दिलाने कोई नेता नहीं आता। चुनाव के समय सब नेता हमारे पास बैठ जाते हैं और चुनाव खत्म होने के बाद हमसे छुआछूत और दलित बताकर मंदिर में प्रवेश नहीं देते हैं। लगभग ग्राम खेरी में लगभग 150 परिवार दलित समाज के निवासरत हैं, जिनका आरोप है कि उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाता है। जिस वजह से इतनी बड़ी जनसंख्या अपने धार्मिक स्वतंत्रता जैसे मौलिक अधिकार से वंचित है। अपेक्षित परिवार आरोप लगाते हैं कि शासन प्रशासन द्वारा भी हमारी कोई मदद नहीं की जा रही है। जबकि कई बार हमने यह बात जिम्मेदारों को बता दी है।
आरोप निराधार
जाति विशेष के लोगों द्वारा जो आरोप लगाया जा रहा है बिल्कुल निराधार है। हम सब गांव में एकरूपता के साथ में रहते हैं और हमारी भजन मंडल में कई दलित समाज के लोग हैं जो हमारे साथ बैठ कर ही भजन करते हैं। कुछ अराजक तत्वों द्वारा हमारे गांव को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
रामसिंह पटेल, निवासी ग्राम खेरी
गर्भ गृह में प्रवेश वर्जित
मंदिर में किसी का भी प्रवेश वर्जित नहीं है। हां गर्भ गृह में जरूर शुद्ध लोगों को ही ले जाया जाता है, जो मांस-मदिरा का सेवन करके आते है उनकी अनुमति तो हमारा शास्त्र भी हमें नहीं देता है।
जितेंद्र बैरागी, मंदिर के पुजारी
इनका कहना है
आपके द्वारा मामला संज्ञान में लाया जा रहा है। वैसे क्षेत्र में हर जगह सामाजिक समरसता का अनुकूल माहौल है। यदि खेरी में कुछ ऐसा है तो बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैं कल खुद जाकर देखता हूं।
सौजन्य :नयी दुनिया
नोट: यह समाचार मूल रूप से naidunia.com में प्रकाशित हुआ है|और इसका उपयोग पूरी तरह से गैर-लाभकारी/गैर-व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए विशेष रूप से मानव अधिकार के लिए किया गया था।