CAA पर विवादित बयान…स्वामी प्रसाद मौर्य पर एफआईआर:सोशल मीडिया पर शेयर किया पोस्ट; सोनभद्र में दलित ने दर्ज कराया मुकदमा
अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ सोनभद्र में एफआईआर दर्ज की गई है। सोनभद्र के मांची थानाक्षेत्र में बाराडाड़ गांव निवासी बिंदु खरवार की तहरीर पर राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य पर आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
जानकारी के अनुसार सीएए को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने बयान दिया था। शिकायत करने वाले बिंदु खरवार ने बताया कि मौर्य ने सीएए को लेकर नफरती बयानबाजी की है। उन्होंने धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम किया है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच की जा रही है।
अब जानते हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ क्या शिकायत की गई है
सोनभद्र के मांची थाना क्षेत्र के बाराडाड़ गांव निवासी बिंदु खरवार ने पुलिस को शिकायत दी है कि स्वामी प्रसाद मौर्य यह बात कह रहे हैं कि सैकड़ों वर्षों से जंगल में रहने वाले आदिवासी, घूमंतू जनजाति के लोग, ग्राम समाज की जमीन पर बसे दलितों, पिछड़ों, वंचितों और अल्पसंख्यकों को नागरिकता से वंचित करने के लिए सीएए लागू किया जा रहा है।
आगे कहा गया कि स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से गरीब जनता, आदिवासियों में भ्रम फैल रहा है और तरह-तरह की अफवाहें हवा में तैर रही हैं। इस बयान से लोग डरे हुए हैं और सरकार के कदम को संशय की नजर से देख रहे हैं। बिंदु खरवार ने कहा कि यह भ्रामक और देश विरोधी वक्तव्य देकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाज को तोड़ने का काम कर रहे हैं।
सोनभद्र निवासी बिंदु की तहरीर पर मांची थाने पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जो शिकायत मिली है, उसके आधार पर मामले की जांच की जा रही है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया पर शेयर किया पोस्ट
बता दें कि CAA लागू होने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने 11 मार्च को शाम 7.45 बजे अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर की। इसमें उन्होंने CAA लागू करने की घोर निंदा की है।उन्होंने लिखा कि “नागरिकता संसोधन (CAA) कानून लागू करना केंद्र सरकार का जन विरोधी निर्णय है। जो आदिवासी, दलित, पिछड़ा, गरीब, अल्पसंख्यक विरोधी भी है।
सैकड़ों वर्षों से जंगलो में रहने वाले आदिवासियों तथा घूमंतू जनजातियों, ग्राम समाज की जमीन पर बसे दलितों, पिछड़ो, गरीबों, वंचितों, अल्पसंख्यकों के पास आज भी राजस्व अभिलेख उपलब्ध नहीं है। इस कानून के माध्यम से ऐसे करोड़ों लोगों को प्रताड़ित करने व कब्जे से बेदखल करके नागरिकता से वंचित करने की घिनौनी साजिश है। इस जन विरोधी कानून की मैं घोर निंदा करता हूं.”
बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं स्वामी प्रसाद मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल ही में समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देकर राष्ट्रीय दलित शोषित पार्टी का गठन किया है। सपा में रहते हुए उन्होंने हिंदू धर्म, सनातन को लेकर कई तरह की बयानबाजी की थी, जिससे सपा ने भी किनारा कर लिया था। माना जा रहा था कि वे पार्टी में बने रहेंगे लेकिन मौर्य ने अपनी पार्टी बनाकर राह अलग कर ली। अब अपने विवादित बयान की वजह से ही उनके ऊपर सोनभद्र में मुकदमा दर्ज किया गया है।
सोनभद्र के एसपी डॉ. यशवीर सिंह ने बताया कि बिंदु खरवार की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है और विधिक कार्रवाई की जा रही है।
अब जानते हैं कि CAA क्या है? और क्यों हो रहा विरोध
केंद्र सरकार ने सीएए लागू कर दी है। इस कानून के अनुसार पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में छह अल्पसंख्यकों (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) को भारतीय नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है। कानून के तहत 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले इन पड़ोसी देशों से भारत में प्रवेश करने वाले अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान की जाएगी।
सीएए के मुताबिक बाहर से आने वाले प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी। कानून में एक संशोधन भी किया गया। संशोधन के बाद इन प्रवासियों को नागरिकता देने के लिए आवश्यकता 11 साल के समय को घटाकर 5 साल कर दिया गया। इस कानून में मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया है क्योंकि वे पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यक नहीं हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा भारत में अल्पसंख्यकों को डरने की जरूरत नहीं
केंद्र के नोटिफिकेशन के बाद बवाल मचा है। AIMIM लीडर असदुद्दीन ओवैसी ने CAA को एंटी मुस्लिम कहा है। इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘यह भारतीय जनता पार्टी का कोई राजनीतिक खेल नहीं है। हमारे नेता मोदीजी और हमारी सरकार का दायित्व है कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए लोगों को बराबर अधिकार दें।
ऐसे लोग हमारे देश में शरणार्थियों की तरह रह रहे हैं। यह उन्हें उन अधिकारों को देने का मुद्दा है, जो उनकी तीन पीढ़ियों से छीन लिए गए। हाल में मैं 41 बार बोल चुका हूं कि भारत में अल्पसंख्यकों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। ये कानून किसी की नागरिकता नहीं छीनता है।’
ममता बनर्जी को गृहमंत्री ने किया चैलेंज
शाह ने गुरूवार को कहा, ‘ममता बनर्जी राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीति कर रही हैं और लोग उनका साथ नहीं देंगे। मैं ममता बनर्जी को चैलेंज करता हूं कि वे बताएं इस एक्ट का कौन सा नियम किसी की नागरिकता छीन रहा है। वो सिर्फ वोट बैंक के लिए हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच दूरी और डर बना रही हैं।’
CAA पर कांग्रेस का पक्ष साफ करें राहुल-शाह
गृह मंत्री मैं राहुल से कहना चाहता हूं कि वे पब्लिक प्लेटफॉर्म पर आएं और बताएं कि उन्हें और उनकी पार्टी को CAA से क्या परेशानी है। वे क्यों इसका विरोध कर रहे हैं। राजनीति में आपको अपने फैसलों के पीछे का कारण बताना पड़ता है। अगर CAA मेरी सरकार का फैसला है तो मुझे बताना होगा कि मेरी पार्टी का इस पर क्या स्टैंड है और ये देशहित में कैसे है। ऐसे ही आपको अपने विरोध का कारण बताना चाहिए।
केजरीवाल रोहिंग्या-बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात क्यों नहीं करते
अमित शाह ने कहा कि AAP लीडर और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल कहते हैं कि ये कानून शरणार्थियों को नागरिकता देगा। ये खतरनाक है। लॉ एंड ऑर्डर बिगडे़गा। लूट और चोरियां बढ़ेंगी। शाह ने इस पर कहा, ‘केजरीवाल को यह नहीं पता कि ये लोग पहले ही हमारे देश में शरणार्थी हैं।
ये भारत में रह रहे हैं। ये वो लोग हैं, जो 2014 से पहले से यहां रह रहे हैं और ऐसे ही लोगों को नागरिकता मिलेगी। अगर केजरीवाल इतने ही परेशान हैं तो वो बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात क्यों नहीं करते हैं। रोहिंग्या का विरोध क्यों नहीं करते।
सौजन्य : Dainik bhaskar
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