205 ‘लाड़लियां’ नहीं बन पा रहीं ‘लक्ष्मी:गुना में जन्म के समय माता-पिता के नाबालिग थे, दलित-आदिवासी समाज में ऐसे मामले ज्यादा
मध्यप्रदेश के गुना जिले की 200 से ज्यादा बेटियां ‘लाड़ली लक्ष्मी’ नहीं बन पा रहीं। कुछ के माता-पिता के पास जरूरी दस्तावेज नहीं हैं, तो कुछ की मां ने नाबालिग रहते जन्म दिया है। जिले में 205 बच्चियां ऐसी हैं, जिन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा। यह आंकड़ा 2023 का है। इनमें ज्यादातर बच्चियां दलित या आदिवासी समाज की हैं।
आंकड़ों से यह भी साफ है कि दलित और आदिवासी समाज में अभी भी बाल विवाह हो रहे हैं। समाज इन्हें मान्यता भी दे रहा है। इसका खामियाजा उन बेटियों को भुगतना पड़ रहा है, जिनकी मां की शादी 18 साल से कम और पिता की शादी 21 साल से कम उम्र में हुई है।
हालांकि, गुना कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस का कहना है कि प्रशासन इस दिशा में काम कर रहा है। प्रयास कर रहे हैं कि किसी तरह इन बच्चियों को योजना का लाभ दिलवा सकें। महिला एवं बाल विकास विभाग से ऐसी बच्चियों की सूची मंगवाई गई है।
दैनिक भास्कर ने ऐसे ही कुछ मामलों की पड़ताल की है। आदिवासी बाहुल्य इलाकों में जाकर लाभ नहीं मिलने वाले लोगों से बात की। इसका कारण जानने की कोशिश की। पढ़िए रिपोर्ट…
बेटी के जन्म के समय नाबालिग थी मां
गुना शहर के ज्ञानी जी के बाड़े में स्थित आंगनवाड़ी में इसी तरह का मामला सामने आया। यहां रहने वाले गोलू की शादी महक से दो साल पहले हुई। महक की वर्तमान में उम्र 18 वर्ष है। महक ने 8 अप्रैल 2023 को बच्ची को जन्म दिया। उसके जन्म के समय वह नाबालिग थी। इस वजह से उसकी बेटी को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा। इसके अलावा, समग्र आईडी में महक के पति गोलू की उम्र 14 साल दर्ज है। उसके पति का कहना है कि गलती से उम्र कम लिखा गया है, जिसे सुधरवाने का प्रयास कर रहे हैं।
एक ही गांव में तीन केस, जिनमें मां की उम्र 18 से कम
गुना से 25 किलोमीटर दूर मुंडी कोटरा गांव में आदिवासी समाज के लोग रहते हैं। अधिकतर पुरुष मजदूरी करते हैं। गांव में भी तीन केस ऐसे मिले, जिनमें मां नाबालिग है। आधार कार्ड में तीनों की उम्र 18 साल से कम है। यहां रहने वाले पहलवान की शादी पूजा से हुई है। आधार में पूजा की उम्र 17 साल है। उसने 29 अप्रैल 2023 को बच्ची को जन्म दिया।
इसी तरह, बलराम की शादी सरोज से हुई। आधार कार्ड में सरोज की भी आयु कम है। सरोज ने 20 दिसंबर 2023 को बच्ची को जन्म दिया।
वहीं, मलखान की शादी पूजा से हुई है। पूजा ने 7 सितंबर 2023 को बच्ची को जन्म दिया। आधार में पूजा की उम्र 17 साल है। तीनों ही मामलों में मां की उम्र 18 वर्ष से कम है। इस वजह से उनकी बेटियों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा।
उम्र का कोई भी दस्तावेज नहीं
जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर जमरा पंचायत का सगोरिया गांव। यहां धाकड़, यादव, सहरिया और आदिवासी समाज के लोग रहते हैं। यहां रहने वाले राम की शादी पूजा से हुई है। पूजा की उम्र 17 साल है। उसने 25 मार्च को बच्ची को जन्म दिया। समग्र आईडी में भी पूजा की उम्र कम है। उसके पास ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है, जिससे वह आधार कार्ड में उम्र सुधरवा सके।
इसी गांव में दूसरा मामला है, जिसमें मोनू की शादी कविता से हुई है। कविता की उम्र समग्र आईडी में 16 साल लिखी है। कविता के पास तो आधार कार्ड ही नहीं है। कविता ने बताया कि वह 5वीं तक पढ़ी है, लेकिन उसके पास दस्तावेज नहीं है। इस कारण प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही।
कलेक्टर बोले- राज्य शासन के संज्ञान में लेकर आए रहे हैं
कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने बताया कि ऐसे मामलों की जानकारी इकट्ठी कराई गई है। 18 साल से कम उम्र में अगर किसी महिला का विवाह हो जाता है, तो नियमानुसार उसकी बच्ची को लाड़ली लाक्ष्मी योजना का पात्र नहीं माना जाता। ऐसे केस संज्ञान में आए हैं। विशेष इलाकों में काउंसिलिंग सेशन शेड्यूल किए हैं।
अब जानते हैं- क्या है लाड़ली लक्ष्मी योजना
यह पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी योजना है। प्रदेश सरकार ने इसकी शुरुआत 1 अप्रैल 2007 से की थी। मध्यप्रदेश के बाद 6 अन्य राज्यों ने भी अपने यहां इसे लागू किया।
योजना का लाभ नहीं मिलने की वजह
बाल विवाह: लड़की की शादी 18 और लड़के की 21 वर्ष से पहले न हो। जिले में ऐसे कई इलाके हैं, जहां इस उम्र से पहले ही शादी कर दी जाती है। ऐसे में होने वाली संतान योजना के लाभ से वंचित रह जाती है। क्योंकि आधार कार्ड में उसके माता या पिता की उम्र शादी की निर्धारित आयु से कम है।
नाबालिग रहते बेटी का जन्म : कुछ केस ऐसे भी सामने आए, जिनमें लड़की की नाबालिग रहते शादी कर दी गई। नाबालिग रहते ही बच्ची को जन्म दे दिया। इस वजह से उस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। इसके बाद अगर वह बालिग अवस्था में दूसरी बच्ची को जन्म देती है, तो उसे योजना का लाभ मिल जाएगा।
समग्र आईडी: योजना का लाभ लेने के लिए समग्र आईडी में उसके माता-पिता और उसका नाम जुड़ा होना जरूरी है। इसमे भी दस्तावेजों में मां की उम्र 18 और पिता की 21 वर्ष होनी चाहिए। दोनों में से किसी एक की भी उम्र कम होगी, तो पोर्टल एप्लीकेशन स्वीकार नहीं करेगा। माता का नाम समग्र में नहीं है, तो भी एप्लीकेशन रिजेक्ट हो जाएगी। अमूमन लोग यह नहीं कराते, क्योंकि शादी के बाद पत्नी का नाम समग्र में जुड़ता है। उसका नाम न जुड़ पाने के कारण बच्ची लो लाभ नहीं मिल पाता।
सौजन्य : Dainik bhaskar
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