बांदा में दलित पर जानलेवा हमले के दोषी को चार साल का कारावास
दलित युवक को अपमानित करने व जानलेवा हमले के दोषी को चार साल सश्रम कारावास और 44 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। फैसला 19 साल बाद आया।
विशेष लोक अभियोजक डा.महेंद्र द्विवेदी व विमल सिंह ने बताया कि बिसंडा थानाक्षेत्र के सिकलोढ़ी गांव निवासी शिवनारायन पुत्र भानी प्रसाद रैदास ने 26 अप्रैल 2004 को प्राथमिकी दर्ज कराई कि 25 अप्रैल 2004 को समय 10 बजे रात में अपने ट्रैक्टर व थ्रेसर से समरजीत यादव के खलिहान में गल्ला की कटाई कर रहा था। उसी बीच गांव का अशोक सिंह पुत्र विशोषर सिंह भाला लेकर आया और गाली देने लगा। इसके बाद चला गया।
दोबारा रायफल लेकर आया और गाली देते हुए कहा कि पहले मेरे खलिहान में ट्रैक्टर लेकर गल्ला कतरने चलो, नहीं तो गोली मार दूंगा। इनकार करने पर जान से मारने की नीयत से रायफल से फायर कर दिया, जिससे बाल-बाल बच गया। शोर सुनकर समरजीत यादव, रज्जन यादव, विशाल आदि लोग मौके पर पहुंचे। अशोक सिंह को पकड़कर मय रायफल के थाने ले गए। पुलिस ने संज्ञेय अपराधों में मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया। मामले का आरोप पत्र विवेचक ने न्यायालय में पेश किया गया। अदालत में 17 मार्च 2005 को आरोप बना। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से पांच गवाह पेश किए गए। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य व दलीलों के आधार पर न्यायाधीश ने 18 पृष्ठीय फैसले में दोषी अशोक सिंह को सजा सुनाई।
सौजन्य : Live hindustan
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