महाराष्ट्र में टीचर्स को चुनाव संबंधी काम से मिला छुटकारा, नहीं करनी होगी BLO की ड्यूटी
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने शिक्षकों से कहा कि वे चुनाव ड्यूटी से इनकार कर दें क्योंकि इससे छात्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि शारदाश्रम स्कूल के शिक्षकों ने उनसे मुलाकात की थी और बताया था कि भारत निर्वाचन आयोग ने उन लोगों को चुनाव ड्यूटी के लिए रिपोर्ट करने को कहा है।
मुंबई : महाराष्ट्र के शिक्षकों को बीएलओ की ड्यूटी से मुक्ति मिल गई है। इस संबंध में राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी श्रीकांत देशपांडे ने मुंबई शहर और उपनगर के जिलाधिकारी और बीएमसी आयुक्त को आदेश जारी किए हैं। यह आदेश स्कूलों, जूनियर कॉलेजों और शिक्षकों के लिए बड़ी राहत मानी जा रही है। राज्य में इस वक्त बारहवीं की बोर्ड की परीक्षा चल रही है और स्कूलों में वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी चल रही है। ऐसे में शिक्षकों की ड्यूटी चुनाव संबंधी कार्य में लगाने से शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहे थे। इसे देखते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे और शिक्षक विधायक कपिल पाटिल ने मुख्य चुनाव अधिकारी से शिक्षकों को बीएलओ और अन्य चुनाव संबंधी कार्य से मुक्त करने की मांग की थी।
सर्कुलर में कहा गया है कि भारत निर्वाचन आयोग ने वोटर लिस्ट तैयार करने और उसके पुनरीक्षण की कार्य के लिए बीएलओ की नियुक्ति को लेकर विस्तार से गाइडलाइन जारी किया है।
चुनाव ड्यूटी को लेकर यह आदेश
साथ ही, सुप्रीम कोर्ट के एक निर्देश के अनुसार, शैक्षणिक कार्य कर रहे कर्मचारी और शिक्षकों को छुट्टी के दिनों में और अशैक्षणिक दिवस में ही वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण का कार्य दिया जा सकता है। प्राइवेट ऐडेड और नॉन-एडेड स्कूलों के शैक्षणिक और अशैक्षणिक कर्मचारी की नियुक्ति चुनाव के समय 3 दिन प्रशिक्षण के लिए और 2 दिन मतदान के दिन ड्यूटी देने का प्रावधान है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का आदेश और भारतीय निर्वाचन आयोग के आदेश को ध्यान में रखते हुए बीएमसी आयुक्त, मुंबई शहर और उपनगर के जिलाधिकारी तुरंत एक बैठक करके चुनाव संबंधी कार्य से शिक्षकों को हटाकर अन्य कर्मचारी को ड्यूटी देने के संबंध में निर्णय लें।
शिक्षक विधायक कपिल पाटिल ने कहा कि बीएलओ की ड्यूटी से शिक्षकों को परेशानी हो रही थी। मुख्य चुनाव अधिकारी देशपांडे को शिक्षकों को हो रही परेशानी से अवगत कराया गया था। इस पर उन्होंने शिक्षक, शिक्षा और बच्चों के हित में अच्छा निर्णय लिए हैं। पाटील ने कहा कि मतदान के दिन शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाती है और सभी शिक्षक संवैधानिक जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। आगामी लोकसभा चुनाव में भी शिक्षक अपने जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे।
स्टूडेंट्स-टीचर्स के हित का ध्यान
स्कूलों और जूनियर कॉलेजों में बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं। इसके बाद शिक्षकों पर उत्तर पुस्तिकाओं के जांचने की जिम्मेदारी रहेगी। बोर्ड की परीक्षा के साथ ही अन्य कक्षाओं की वार्षिक परीक्षा होने वाली है। ऐसे में शिक्षकों की ड्यूटी शैक्षणिक कार्य के बजाय चुनाव संबंधी कार्य में लगाई जा रही थी इससे और शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा था। स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई का नुकसान और शैक्षणिक कार्य प्रभावित होने की वजह से शिक्षकों की तरफ से लगातार बीएलओ की ड्यूटी से हटाने की मांग की जा रही थी। ऐसे में मुख्य चुनाव अधिकारी ने शिक्षकों को बीएलओ की ड्यूटी से हटाने का आदेश देकर स्कूलों और शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। इससे अब स्कूलों में समय पर परीक्षा हो पाएगी और समय पर रिजल्ट घोषित होंगे।
सौजन्य : नवभारत टाइम्स
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