कर्नाटक में दलित के बाल काटने से मना किया, दुकान का घेराव
बेंगलुरु ग्रामीण (कर्नाटक): कर्नाटक के डोड्डाबल्लापुर तालुक के कदनूर गांव में आज भी छुआछूत जारी है. नाइयों को दलितों के बाल काटने से मना कर दिया जाता है. कर्नाटक दलित संघर्ष समिति के नेताओं ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर छुआछूत के खिलाफ यहां कटिंग शॉप की घेराबंदी की और बाल कटवाकर इस अनुचित प्रथा को खत्म किया.
आरोप है कि कदनूर गांव में हेयरड्रेसर ने दलितों को बाल काटने से मना कर दिया. इसी पृष्ठभूमि में कर्नाटक दलित संघर्ष समिति के नेताओं ने दुकान का घेराव किया.
इस अवसर पर कर्नाटक दलित संघर्ष समिति की तालुक इकाई के अध्यक्ष रामू नीलाघट्टा ने कहा, ‘हमने कटिंग की दुकान की घेराबंदी करके और प्रतीकात्मक रूप से अपने दलित नेताओं के बाल काटकर इस अमानवीय प्रथा को समाप्त कर दिया है. भले ही हम 21वीं सदी में जी रहे हैं, लेकिन यह विडंबना है कि यह छुआछूत आज भी हमारे बीच जिंदा है. हम मानवता को भूलकर श्रेष्ठता और हीनता की भावना में जीते हैं. समाज जो मूर्खता पाल रहा है उसे बदलना होगा. कर्नाटक दलित संघर्ष समिति ऐसी प्रथाओं के खिलाफ हमेशा लड़ती रहेगी.’
दलित संघर्ष समिति के जिला संयोजक एमपी गंगाधर ने कहा, ‘जब हमने स्थानीय दलित घरों का दौरा किया तो हमें यहां की समस्या का एहसास हुआ. यह शर्म की बात है कि समाज में जातिगत भेदभाव अभी भी जीवित है. क्या हम हर किसी की तरह इंसान नहीं हैं? यह रवैया क्यों है? क्या कार्यक्रम के मंचों पर कही जाने वाली समानता की बात यहां ख़त्म हो गई है? बाबा साहेब अंबेडकर की इच्छा सिर्फ शब्दों तक ही सीमित थी? इस रवैये को रोकना होगा. हमारा संघर्ष सतत है.’
सौजन्य : .Etv bharat
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