किसानों को रोकनेबंद क्यों की सड़कें, बैरिकेड्स देखकर भड़का पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट
किसान आंदोलन के चलतेसड़कों को बंद करनेपर हाई कोर्ट नेहरियाणा सरकार को घेरा है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय नेकहा हैकि किसान राष्ट्रीय राजमार्ग पर जुट रहे थे, क्योंकि उनके पास जुटनेऔर आंदोलन का अधिकार है। साथ ही कोर्ट ने पंजाब सरकार को भी इस मामले में घेरा है।
हाईकोर्ट मे हरियाणा मे सीमाओं को बंद करनेऔर इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाए जानेके खिलाफ एक याचिका दाखिल हुई थी। इस पर कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस लपिता बनर्जी की बेंच पर सुनवाई कर रही थी।सरकार के खिलाफ मांगों को लेकर एक बार फिर किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहेहैं।
सुनवाई के दौरान हरियाणा के अतिरिक्त महाधिवक्ता दीपक सभरवाल ने कोर्ट को बताया है कि प्रदर्शनकारी 4 हजार से ज्यादा मॉडिफाइड ट्रैक्टर-ट्रेलर लेकर निकलेहैं, जिसके चलतेसरकार की तरफ सेयेउपाय किए गए थे। PIL पंचकूला के एक वकील उदय प्रताप सिंह की तरफ सेदाखिल की गई थी, जिसमेंकहा गया था कि हरियाणा के कुछ जिलों मेंधारा 144 लगाना और बैरिकेड्स, कीलेंजैसी चीजेंडालना लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति को दबानेका प्रयास है।
कोर्ट नेहरियाणा और पंजाब सरकार को गुरुगुवार तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनेके लिए कहा है। चंडीगढ़ को भी रिपोर्ट दाखिल करनेके निर्देश दिए गए हैं। कोर्ट नेदिल्ली हाईकोर्ट को भी पार्टी बनाया और किसान मजदूर मोर्चाऔर संयुक्त किसान मोर्चा (गैरराजनीतिक) सेभी इस मामलेमेंजवाब तलब किया है
सौजन्य : लाइव हिंदुस्तान
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